Tuesday 29 August 2017

जाते हो तो....


जाते हो तो साथ अपनी यादें भी लेकर जाया करो
पल पल जी तड़पा के  आँसू बनकर न आया करो

चाहकर भी जाने क्यों
खिलखिला नहीं पाती हूँ
बेचैनियों को परे हटा
तुम बिन  धड़कनों का
सिलसिला नहीं पाती हूँ
भारी गीली पलकों का
बोझ उठा नहीं पाती हूँ

फूल,भँवर,तितली,चाँद में तुम दिखते हो चौबारों में
पानी में लिखूँ नाम तेरा,तेरी तस्वीर बनाऊँ दीवारों में

दिन दिन भर बेकल बेबस
गुमसुम बैठी सोचूँ तुमको
तुम बन बैठे हो प्राण मेरे
हिय से कैसे नोचूँ तुझको
गम़ बन बह जा आँखों से
होठों से पी पोछूँ तुझको

सूनी सुनी सी राहों में पल पल तेरा रस्ता देखूँ
दुआ में तेरी खुशी माँगू  तुझको मैं हँसता देखूँ

चाहकर ये उदासी कम न हो
क्यूँ प्रीत इतना निर्मोही है
इक तुम ही दिल को भाते हो
तुम सा क्यूँ न कोई है
दिन गिनगिन कर आँखें भी
कई रातों से न सोई है

तुम  हो न  हो तेरा प्यार  इस  दिल का  हिस्सा है
अब तो जीवन का हर पन्ना बस तेरा ही किस्सा है

   #श्वेता🍁

Sunday 27 August 2017

भक्ति इंसान की

ये कैसी भक्ति करते हो इंसान की
लगे औलाद हो खूंखार शैतान की
धार्मिक उन्माद में भूले  इंसानियत
सर चढ़ी बोल रही तेरी हैवानियत
अपने हाथों सृजित आशियां को
क्यों अपने ही हाथों जला रहे हो
इक ज़रा तो सोचो ओ अंधे भक्तों
फैला अशांति क्या सुकूं पा रहे हो
इंसान को दे दिया रब का दर्जा
आस्था नहीं ये अंधविश्वास है
ऐसा भी क्या हुये मोह में अंधा
धर्म अधर्म  नही तुमको ज्ञात है
ज्वालामुखी बने आग उगलकर
ये कैसा दावानल लहका रहे हो
बेहाल जनता के मन का दर्पण बन
कुछ सार्थक करने की सोच लेते
यही देशभक्ति तेरी तेरा समर्पण
देश की शजर शाख तुम नोच लेते
ऐसी आँधियाँ उत्पात की बहाकर 
नष्ट कर उजाड़कर क्या पा रहे हो
कोई राम रहीम देश से बड़ा नहीं है
इतना सदा तुम तो याद रख लेना
पापकर कोई बच नहीं सकता है
हो सके तो गीता का जाप कर लेना
साथ दे, दुराचारी का भागीदार बन
ये कैसा राजधर्म तुम निभा रहे हो
     #श्वेता🍁

Saturday 26 August 2017

मौन हो तुम

मौन हो तुम गुनगुनाते
वीणा मधुर आलाप हो
मंद मंद सुलगा रहा मन
अतृप्त प्रेम का ताप हो
नैन दर्पण आ बसे तुम
स्वर्ण स्वप्नों के चितेरे
प्रीत भरे हृदय घट के
सकल नेह के हो लुटेरे
पाकर जिसे न छू सकूँ
अबोला कोई शाप हो
तेरे नयन आलोक से
सजता मेरा रंग रूप है
साथ चल दो कुछ कदम
लगे चाँदनी सी धूप है
साँसों में जपकर न थकूँ
प्रभु मंत्र सा तुम जाप हो
रंग लिया हिय रंग में तेरे
कुछ नहीं अब बस में मेरे
बाँधे पाश मनमोह है घेरे
बंद पलक छवि तेरे डेरे
अश्रुजल से न मिट सके
वो अमिट अनंत संताप हो
मौन हो तुम गुनगुनाते
वीणा मधुर आलाप हो
     #श्वेता🍁

  


चित्र साभार गूगल

Wednesday 23 August 2017

तीज

जय माता पार्वती जय हो बाबा शंकर
रख दीजे हाथ माथे कृपा करे हमपर
अटल सुहाग माँगे कर तीज व्रत हम
बना रहे जुग जुग साथ और सत सब
माँग का सिंदूर मेरा दम दम दमके
लाल हरी चुड़ियाँ खन खन खनके
प्रीत की सुगंध मेंहदी मह मह महके
बिछुआ पायल बजे छम छम छमके
सोलह सिंगार रूप लह लह लहके
बँधे खुशी आँचल में बरसे जमकर
जय माता पार्वती.........
पिया जी अँगना में स्वप्न दीप जलाई
सतरंगी सितारों से है रंगोली सजाई
सकल दुख संताप प्रभु चरण चढ़ाई
फूल मुसकाये गोदी में अरज लगाई
बना विश्वास रहे रामा यही है दुहाई
रहे पिया साथ मेरे मन से रमकर
जय माता पार्वती..........
जीवन की राहों में गाँठ एक जोड़ा
दुनिया जहान में ढूँढ लाए वर मोरा
नेह के नभ पिया मैं चाँद औ चकोरा
हाथ थाम चलूँ हिय प्रीत के हिलोरा
डोली में आई अब काँधे जाऊँ तोरा
प्रेम न पिया जी से भूल के  कमकर
जय माता पार्वती........
     #श्वेता🍁

मैं से मोक्ष...बुद्ध

मैं  नित्य सुनती हूँ कराह वृद्धों और रोगियों की, निरंतर देखती हूँ अनगिनत जलती चिताएँ परंतु नहीं होता  मेरा हृदयपरिवर...