tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post1083275850741529094..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: हथेली भर प्रेमSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger29125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-85076793711396088762018-03-21T21:02:46.934+05:302018-03-21T21:02:46.934+05:30वाह ! क्या कहने हैं ! खूबसूरत सृजन ! बहुत सुंदर...वाह ! क्या कहने हैं ! खूबसूरत सृजन ! बहुत सुंदर आदरणीया ।Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-18195848654939948742018-03-15T23:11:18.600+05:302018-03-15T23:11:18.600+05:30सुंदर सार्थक सृजन प्रिय श्वेता बहन !!!!!! सुंदर सार्थक सृजन प्रिय श्वेता बहन !!!!!! रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-32761053174494062562018-03-12T18:19:04.318+05:302018-03-12T18:19:04.318+05:30जिसकी हथेलियों में सूरज उगते हो, उसके हथेली भर प्र...जिसकी हथेलियों में सूरज उगते हो, उसके हथेली भर प्रेम का प्रारब्ध भला अपरिमेय क्यों न हो और प्रणव के टंकार के उद्गम पर प्रणय का शाश्वत मौन ही शेष क्यों न रह जाए। इसी अबूझ समीकरण का उद्घाटन ही तो उस आध्यात्मिक पूर्ण की प्राप्ति का प्रयास है जिससे पूर्ण निकलकर भी पूर्ण ही बच जाता है! प्रेम के अन्तर्भूत रहस्य को समेटती सुन्दर रचना। बधाई श्वेता जी !!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-41418465174248849982018-03-12T11:04:35.209+05:302018-03-12T11:04:35.209+05:30मौन ध्वनियों से गूँजित
प्रतिध्वनियों से चुनकर
तथ्य...मौन ध्वनियों से गूँजित<br />प्रतिध्वनियों से चुनकर<br />तथ्य और तर्क से परे<br />जवाब का चेहरा निः शब्द<br />...अलग-अलग स्थितियों को कम से कम शब्दों में खूबसूरती से व्यक्त किया है स्वेता जी !!संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-21196140738686979322018-03-12T10:48:40.173+05:302018-03-12T10:48:40.173+05:30मन के उद्गारों को बंया करती.. खुबसूरत कविता...बस ह...मन के उद्गारों को बंया करती.. खुबसूरत कविता...बस हथेली भर प्रेम ..मौन के अंगूठे से दबकर निखर पड़ा!!Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-57505530861229005332018-03-12T08:56:59.270+05:302018-03-12T08:56:59.270+05:30आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की...आपकी लिखी रचना "मित्र मंडली" में लिंक की गई है https://rakeshkirachanay.blogspot.in/2018/03/60.html पर आप सादर आमंत्रित हैं ....धन्यवाद!RAKESH KUMAR SRIVASTAVA 'RAHI'https://www.blogger.com/profile/14562043182199283435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-28174723936653725802018-03-12T05:27:45.780+05:302018-03-12T05:27:45.780+05:30वाह्ह्ह...बहुत खूब...सुंदर प्रतिक्रिया
अति आभार आ...वाह्ह्ह...बहुत खूब...सुंदर प्रतिक्रिया <br />अति आभार आपका,हृदय तल से शुक्रिया आपका अभि जी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-77896737419573194022018-03-12T05:26:27.715+05:302018-03-12T05:26:27.715+05:30बहुत बहुत आभार हृदयतल से अति शुक्रिया आपका मीना जी...बहुत बहुत आभार हृदयतल से अति शुक्रिया आपका मीना जी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-26664348752887333702018-03-12T05:24:03.211+05:302018-03-12T05:24:03.211+05:30जी,आभार आपका नासवा जी,आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लि...जी,आभार आपका नासवा जी,आपकी सुंदर प्रतिक्रिया के लिए हृदयतल से अति आभारी है हम।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-76184057747871061762018-03-12T05:22:55.317+05:302018-03-12T05:22:55.317+05:30अति आभार आपका आदरणीय। स्वागत है आपका।अति आभार आपका आदरणीय। स्वागत है आपका।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-66182118161119608402018-03-11T16:23:44.541+05:302018-03-11T16:23:44.541+05:30हथेली भर प्रेम गर बना रहे
भले ही न हल कर समीकरण
पर...हथेली भर प्रेम गर बना रहे<br />भले ही न हल कर समीकरण<br />पर निर्बाध रहकर<br />कर ही देगा<br />बाएं पक्ष को<br />दाएं पक्ष के बराबर।<br /><br />सुंदर प्रस्तुति।Abhihttp://lifeisash.blogspot.comnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-7370994254878607642018-03-11T15:29:22.578+05:302018-03-11T15:29:22.578+05:30मौन के अँगूठे से दबकर
छटपटाते मन को स्वीकार
मिला ह...मौन के अँगूठे से दबकर<br />छटपटाते मन को स्वीकार<br />मिला हथेली भर प्रेम <br />बहुत खूबसूरत रचना श्वेता जी.Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-37397517831661613542018-03-11T08:58:18.525+05:302018-03-11T08:58:18.525+05:30तथ्य और ट्रक जब चूक जाते हैं तभी तो निहशब्द होता ह...तथ्य और ट्रक जब चूक जाते हैं तभी तो निहशब्द होता है जवाब ... मौन अक्सर मुखर होता है जबकि। ओ भी होता है निशब्द ... सुंदर गहरी रचना ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-87149521916411695462018-03-11T08:03:07.139+05:302018-03-11T08:03:07.139+05:30सुन्दर कविता |बधाई आपको सुन्दर कविता |बधाई आपको जयकृष्ण राय तुषारhttps://www.blogger.com/profile/09427474313259230433noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-7527377683888361212018-03-11T06:23:19.360+05:302018-03-11T06:23:19.360+05:30अति आभार शुभा दी..:)
हृदयतल से बेहद शुक्रिया आपका।...अति आभार शुभा दी..:)<br />हृदयतल से बेहद शुक्रिया आपका। स्नेह बनाये रखें।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-56807246372088307762018-03-11T06:22:19.606+05:302018-03-11T06:22:19.606+05:30हृदयतल से अति आभार आपका सुधा जी। मनोबल बढ़ाने के बह...हृदयतल से अति आभार आपका सुधा जी। मनोबल बढ़ाने के बहुत शुक्रिया।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-89303579657947766982018-03-11T06:21:14.211+05:302018-03-11T06:21:14.211+05:30बहुत-बहुत आभार आपका पम्मी जी। हृदयतल से शुक्रिया।बहुत-बहुत आभार आपका पम्मी जी। हृदयतल से शुक्रिया।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-55112807048435689882018-03-11T06:20:33.580+05:302018-03-11T06:20:33.580+05:30अति आभार आपका नीतू जी। तहेदिल से शुक्रिया।अति आभार आपका नीतू जी। तहेदिल से शुक्रिया।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-40239657557541788192018-03-11T06:20:00.050+05:302018-03-11T06:20:00.050+05:30आपकी इतनी सारी सराहना पढ़कर फिर से अपनी रचना पढ़ने क...आपकी इतनी सारी सराहना पढ़कर फिर से अपनी रचना पढ़ने का मन हो आया...:)<br />हृदयतल से अति आभार आपका मीना जी।<br />स्नेह बनाये रखें।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-23274398308663267782018-03-11T06:18:43.910+05:302018-03-11T06:18:43.910+05:30हृदयतल से अति आभार आपका आदरणीय p.k ji.हृदयतल से अति आभार आपका आदरणीय p.k ji.Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-51503775917542355452018-03-11T06:18:09.344+05:302018-03-11T06:18:09.344+05:30बहुत आभार दी आपके इस मान के लिए।बहुत आभार दी आपके इस मान के लिए।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-64662241402627811312018-03-11T06:17:45.888+05:302018-03-11T06:17:45.888+05:30बहुत- बहुत आभार आपका लोकेश जी।बहुत- बहुत आभार आपका लोकेश जी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-41351193911097160292018-03-10T22:57:16.214+05:302018-03-10T22:57:16.214+05:30वाह!श्वेता ,क्या खूबसूरती के साथ वर्णन किया है मन ...वाह!श्वेता ,क्या खूबसूरती के साथ वर्णन किया है मन की उलझन का । बहुत उम्दा .शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-56612363633251592272018-03-10T22:43:59.959+05:302018-03-10T22:43:59.959+05:30मौन ध्वनियों से गूँजित
प्रतिध्वनियों से चुनकर
तथ्य...मौन ध्वनियों से गूँजित<br />प्रतिध्वनियों से चुनकर<br />तथ्य और तर्क से परे<br />जवाब का चेहरा निः शब्द<br />उलझा सा मन शब्द भी मौन<br />वाह!!!<br />बहुत सुन्दर, लाजवाब....<br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-68664186714958693392018-03-10T20:41:42.033+05:302018-03-10T20:41:42.033+05:30मोन की मुखर रचना
बहुत बढिया।मोन की मुखर रचना<br />बहुत बढिया।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.com