tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post1359824355309684615..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: तुमसे प्रेम करते हुए-(२)Sweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger16125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-62872885444125070682021-09-29T20:42:24.024+05:302021-09-29T20:42:24.024+05:30प्रेम की सार्थकता ही इसमें है कि वो सदैव प्रेम,बना...प्रेम की सार्थकता ही इसमें है कि वो सदैव प्रेम,बना रहे !लोकेष्णा (लोपामुद्रा )https://www.blogger.com/profile/06507123818443790796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-4053021154226709072021-09-29T16:23:13.428+05:302021-09-29T16:23:13.428+05:30कोमल अहसासों की कल्पनाओं से ओत-प्रोत सृजन। आपको ब...कोमल अहसासों की कल्पनाओं से ओत-प्रोत सृजन। आपको बहुत-बहुत बधाईयाँ।Vocal Babahttps://www.blogger.com/profile/02214260420282752358noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-81133000717433721712021-09-28T07:20:27.312+05:302021-09-28T07:20:27.312+05:30बहुत ही सुंदर सृजन बहुत ही सुंदर सृजन MANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13231334683622272666noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-63408517630421498862021-09-26T13:05:25.642+05:302021-09-26T13:05:25.642+05:30जीवन के सुंदर अहसासों और अनुभूतियों का खूबसूरत परि...जीवन के सुंदर अहसासों और अनुभूतियों का खूबसूरत परिदृष्य दिखाती नयन कृति <br />जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-69266772640961593402021-09-25T08:24:19.917+05:302021-09-25T08:24:19.917+05:30भावों का सहज संप्रेषण..भावों का सहज संप्रेषण..प्रवीण पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/10471375466909386690noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-7569523202230384762021-09-25T06:45:00.092+05:302021-09-25T06:45:00.092+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&q...<i><b> आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" रविवार 26 सितम्बर 2021 को साझा की गयी है....<a href="http://halchalwith5links.blogspot.com/" rel="nofollow"> <br />पाँच लिंकों का आनन्द पर </a>आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>yashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-28130628719637039102021-09-24T23:17:57.752+05:302021-09-24T23:17:57.752+05:30जो नेह के
छोटे-छोटे भँवर हैं
उसमें
प्रवाहित कर ...जो नेह के <br />छोटे-छोटे भँवर हैं<br />उसमें <br />प्रवाहित कर दूँ<br />हमारे बीच के<br />अजनबीपन,औपचारिकता<br />की पोटलियों को।<br />प्रेम में एकाकार होने की तत्परता में आतुर मन के खूबसूरत भाव....<br />लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-63575237671604542672021-09-24T18:33:49.740+05:302021-09-24T18:33:49.740+05:30मेरे दिल से तुम्हारे मन तक
जो भावनाओं की नदी बहती ...मेरे दिल से तुम्हारे मन तक<br />जो भावनाओं की नदी बहती है<br />निर्मल कल-कल,छल-छल,<br />जिसकी शीतल,मदिर धाराएँ<br />रह-रह कर छूती है<br />आत्मिक अनुभूति के <br />सुप्त किनारों को<br />सोचती हूँ <br />निर्बाध बहती जलधारा में<br />जो नेह के <br />छोटे-छोटे भँवर हैं<br />उसमें <br />प्रवाहित कर दूँ<br />हमारे बीच के<br />अजनबीपन,औपचारिकता<br />की पोटलियों को।<br />वाह! जितने सुंदर भाव उतने ही सुंदर शब्द क्या मिश्रण है दोनों का!जितनी तारीफ की जाए कम ही बहुत ही सुंदर रचनाManisha Goswamihttps://www.blogger.com/profile/10646619362412419141noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-83794291121859056472021-09-24T17:12:44.300+05:302021-09-24T17:12:44.300+05:30सुंदर एवम भावपूर्ण कविता।सुंदर एवम भावपूर्ण कविता।Nitish Tiwaryhttps://www.blogger.com/profile/06484230743667707116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-69639133293656552872021-09-24T14:54:22.803+05:302021-09-24T14:54:22.803+05:30वाह! नेह के भंवर और उसमें अवांछित भावों का विसर्जन...वाह! नेह के भंवर और उसमें अवांछित भावों का विसर्जन <br />अद्भुत! भावों की अतुल्य गहराई कलछल चलता सुंदर सृजन।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-40268844606721801232021-09-24T11:16:27.014+05:302021-09-24T11:16:27.014+05:30जीवन के गर्म रेत पर
बिखरकर इत्र-सा
मुस्कान तुम्हार...जीवन के गर्म रेत पर<br />बिखरकर इत्र-सा<br />मुस्कान तुम्हारी<br /> हर पल को<br />सोंधा कर जाती है।<br /><br />वाह!प्रेम मग्न हृदय के बहुत ही सुंदर कोमल भावों को उकेरा है आपने श्वेता जी,लाज़बाब सृजन....सादर नमन आपको Kamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-86108964401414099892021-09-24T07:35:24.839+05:302021-09-24T07:35:24.839+05:30बहुत बहुत ही सुंदर सृजन श्वेता दी।
दोनों बंद लाजवा...बहुत बहुत ही सुंदर सृजन श्वेता दी।<br />दोनों बंद लाजवाब।<br />निर्मल भावों की लहरों के साथ बहता मन।<br />प्रेम का बहुत ही खूबसूरत एहसास।<br />दिल से आपको हार्दिक बधाई।<br />सादर स्नेह।<br />अनीता सैनी https://www.blogger.com/profile/04334112582599222981noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-20667729396272815712021-09-23T23:51:16.583+05:302021-09-23T23:51:16.583+05:30बहुत सुंदर!बहुत सुंदर!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-2108392626694690732021-09-23T20:53:37.654+05:302021-09-23T20:53:37.654+05:30सादर नमस्कार,
आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार (2...सादर नमस्कार,<br />आपकी प्रविष्टि् की चर्चा शुक्रवार (24-09-2021) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow"> "तुम रजनी के चाँद बनोगे ? या दिन के मार्त्तण्ड प्रखर ?" (चर्चा अंक- 4197) </a> पर होगी। चर्चा में आप सादर आमंत्रित हैं। <br />धन्यवाद सहित।<br /><br />"मीना भारद्वाज"<br /><br />Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-90139675956682440032021-09-23T16:11:44.218+05:302021-09-23T16:11:44.218+05:30उन दिनों की बात .....
सहेज रखी है
मन के समंदर मे...उन दिनों की बात ..... <br />सहेज रखी है <br />मन के समंदर में <br />यादों की लहरें <br />कब कौन से भाव <br />ले आती हैं <br />साहिल पर <br />अपनी एक उछाल से <br />और खिंच जाती है <br />स्मित रेखा <br />तुम्हारे चेहरे पर <br />साथ ही आंखों के कोर <br />हो जाते होंगे नम <br />याद करते हुए <br />पल पल वो क्षण ।<br /><br />बहुत खूबसूरती से उकेरे हैं मन के भाव , प्रेम पगे पल ।<br />सस्नेह ।संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36152994651871291542021-09-23T15:48:39.968+05:302021-09-23T15:48:39.968+05:30वाह कितनी सुंदर भाव की नदी !!वाह कितनी सुंदर भाव की नदी !!Anupama Tripathihttps://www.blogger.com/profile/06478292826729436760noreply@blogger.com