tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post1492405059810384336..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: पापाSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger13125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-32657484969929252812020-08-04T15:26:01.178+05:302020-08-04T15:26:01.178+05:30सादर नमस्कार ,
आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्च...सादर नमस्कार ,<br /><br />आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल बुधवार (5 -8 -2020 ) को <a href="http://charchamanch.blogspot.com/" rel="nofollow">"एक दिन हम बेटियों के नाम" (चर्चा अंक-3784) </a> पर भी होगी,आप भी सादर आमंत्रित हैं।<br />---<br />कामिनी सिन्हाKamini Sinhahttps://www.blogger.com/profile/01701415787731414204noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-11987319997588773242018-06-30T08:44:17.531+05:302018-06-30T08:44:17.531+05:30बहुत ही खूबसूरत कविताबहुत ही खूबसूरत कविताLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-31745657080328616262018-06-21T17:06:28.556+05:302018-06-21T17:06:28.556+05:30पितृदिवस पर पिता को समर्पित बहुत ही सुन्दर लाजवाब ...पितृदिवस पर पिता को समर्पित बहुत ही सुन्दर लाजवाब प्रस्तुति....<br /><br />हरियाली जीवन की मेरे<br />झर-झर झरते निर्झर आप<br />तिमिर पंथ में दीप जलाते<br />सुनती पापा की पदचाप<br />बिना आपकी उंगली थामे<br />पथ भ्रांत पथिक बन जाती!<br />वाह!!!!<br />Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-91252362923660640972018-06-18T20:09:25.321+05:302018-06-18T20:09:25.321+05:30पिता का स्नेह व् उनकी शिक्षाएं अनमोल होती है ... भ...पिता का स्नेह व् उनकी शिक्षाएं अनमोल होती है ... भावपूर्ण कविता , मन द्रवित हो गया Atoot bandhanhttps://www.blogger.com/profile/03159968183922673399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-4259792227404433142018-06-18T00:48:21.079+05:302018-06-18T00:48:21.079+05:30वाह वाह नायब रचना प्रिय श्वेता ..मानो मन मेरे को ...वाह वाह नायब रचना प्रिय श्वेता ..मानो मन मेरे को पढ़ रही शब्दों में भावों को गढ़ रही ...<br />तिमिर पथ मैं दीपक जैसे दप दप से जल जाते <br />आपकी उंगली थाम के ही हम कदम कदम चल पाते ...<br />हर पंक्ति प्यास लिये पिता नेह की आस लिये ....<br />लाजवाब प्रिय श्वेता drindira .blogspot .comhttps://www.blogger.com/profile/01392643845160988757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-24513542396557838982018-06-17T14:16:25.005+05:302018-06-17T14:16:25.005+05:30अनुपम... अद्वितीय... बेहतरीन...
हरियाली जीवन की मे...अनुपम... अद्वितीय... बेहतरीन...<br />हरियाली जीवन की मेरे<br />झर-झर झरते निर्झर आप<br />तिमिर पंथ में दीप जलाते<br />सुनती पापा की पदचाप<br />बिना आपकी उंगली थामे<br />पथ भ्रांत पथिक बन जाती!...<br />वाह क्या ख़ूब लिखा आपने, पिता को समर्पित विलक्षण रचना...👌👌👌👏👏👏अमित निश्छलhttps://www.blogger.com/profile/02115473188696836647noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-83678077641609777132018-06-17T13:39:33.999+05:302018-06-17T13:39:33.999+05:30बहुत ही सुंदर अप्रतिम सौन्दर्य से भरे अभिभूत करते ...बहुत ही सुंदर अप्रतिम सौन्दर्य से भरे अभिभूत करते भाव श्वेता । ज्यों पिता को इस से अच्छी और कौन सी भाव पूर्ण सौगात होगी। <br />हृदय के गहरे उद्गार पिता को समर्पित आपकी सुंदर भावपूर्ण पंक्तियों पर मेरे कुछ समर्पित अल्फाज़... <br /><br />देकर मुझ को छांव घनेरी<br />कहां गये तुम है तरूवर<br />अब छांव कहां से पाऊं<br /><br />देकर मुझको शीतल नीर<br />कहां गये हो नीर सरोवर<br />अब अमृत कहां से पाऊं<br /><br />देकर मुझको चंद्र सूर्य<br />कहां गये हो नीलाकाश<br />अब प्राण वात कहां से पाऊं<br /><br />देकर मुझको आधार महल<br />कहां गये हो धराधर<br />अब कदम कहां जमाऊं।<br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br /><br />मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-84111628229952184282018-06-17T11:57:43.607+05:302018-06-17T11:57:43.607+05:30वाह अद्भुत श्वेता जी ..
🌺🌹👏👏👏👏👏👏👏👏
लगा ज...वाह अद्भुत श्वेता जी ..<br />🌺🌹👏👏👏👏👏👏👏👏<br />लगा जैसे मेरे मन भावों को अक्षरशः उकेर रही हो <br />अल्फाजों में ढाल ढाल कर मोती से रोल रही हो <br />भुला बिसरा सब याद आगया सखी तुमको में करूं नमन <br />पितृ भाव सरस रच दिया पढ़ पितृ गण भी होंगे मगन ! drindira .blogspot .comhttps://www.blogger.com/profile/01392643845160988757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-72407903032544478702018-06-17T11:19:38.092+05:302018-06-17T11:19:38.092+05:30वाह!!श्वेता ,बहुत ही सुंंदर भावभरी रचना । दिल भर आ...वाह!!श्वेता ,बहुत ही सुंंदर भावभरी रचना । दिल भर आया ....शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-39405144653325979112018-06-17T10:52:12.798+05:302018-06-17T10:52:12.798+05:30बस मन भर आया इस कविता को पढ़कर प्रिय श्वेता। मेरा स...बस मन भर आया इस कविता को पढ़कर प्रिय श्वेता। मेरा स्नेह।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-71179476868961718422018-06-17T10:00:09.513+05:302018-06-17T10:00:09.513+05:30पितृदिवस पर सुन्दर अहसासों का सन्देश।पितृदिवस पर सुन्दर अहसासों का सन्देश।सुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-88110269070792537492018-06-17T08:09:39.260+05:302018-06-17T08:09:39.260+05:30पिता के प्रति आपके शब्द दिल में उतर रहे हैं ...
मौ...पिता के प्रति आपके शब्द दिल में उतर रहे हैं ...<br />मौन छाया से पिता सच में विस्तृत आकाश जैसे होते हैं जिसका अहसास सुकून और हिम्मत देता है ....दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-88652409531415117682018-06-16T18:27:35.978+05:302018-06-16T18:27:35.978+05:30अति आभार दी:)
तहेदिल से शुक्रिया आपका बहुत सारा।अति आभार दी:)<br />तहेदिल से शुक्रिया आपका बहुत सारा।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.com