tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post1680784726521877415..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: नन्ही ख़्वाहिशSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger17125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-86034224701251965452018-01-05T22:30:48.454+05:302018-01-05T22:30:48.454+05:30बहुत खूब
लाजवाब रचनाबहुत खूब<br />लाजवाब रचनाLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-22904925123240099952018-01-01T01:51:16.592+05:302018-01-01T01:51:16.592+05:30जीवन में बहुत कुछ घटित होता रहता है जिसका संज्ञान ...जीवन में बहुत कुछ घटित होता रहता है जिसका संज्ञान हमारा मन-मस्तिष्क कभी लेता है कभी नहीं किंतु सृजन की सूक्ष्म दृष्टि में जो अवलोकन का विराट पैमाना है वह उसे ज़रूर दर्ज़ करता है भावों और प्रकृति के स्पंदन को मिलाकर। आपका कल्पनालोक सचमुच अदभुत है जहां एहसासों को मिलती है सुकूनभरी साँस। <br /><br />कलात्मकता के फेर में भाव अधूरे से लगते हैं जिन्हें पूर्णता मिलनी ही चाहिए। <br /><br />वव वर्ष की मंगलकामनाऐं। Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-2253301357557930422017-12-31T15:46:50.318+05:302017-12-31T15:46:50.318+05:30बहुत सुन्दर
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!बहुत सुन्दर <br />नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं!कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-90272854443081548692017-12-31T09:48:47.492+05:302017-12-31T09:48:47.492+05:30सुन्दरसुन्दरसुशील कुमार जोशीhttps://www.blogger.com/profile/09743123028689531714noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-22059844246393863422017-12-31T09:12:12.932+05:302017-12-31T09:12:12.932+05:30सुन्दर रचना सुन्दर रचना Onkarhttps://www.blogger.com/profile/15549012098621516316noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-64596329166173560682017-12-31T07:52:53.998+05:302017-12-31T07:52:53.998+05:30"ठंडी छत को छू कर सर्द किरणें जगाती हे नये अह..."ठंडी छत को छू कर सर्द किरणें जगाती हे नये अहसास.... कमाल की पंक्तियां .. प्रकृति संग शब्दों की अठखेलियां खुब आती है आपको..."नम नीरवता पांव पसारे.. बहुत खूबसूरत लिखा आपने... अग्रिम शुभकामनाएं... नववर्ष की..।। आनेवाले साल भी आपकी रचनाएं चहुंओर जगमगाते रहें।Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5132420231505010942017-12-31T07:35:12.244+05:302017-12-31T07:35:12.244+05:30वाह!!श्वेता जी !!!बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति....
फ...वाह!!श्वेता जी !!!बहुत खूबसूरत भावाभिव्यक्ति....<br />फीका चाँद ,अस्तित्व की लडाई .....वाह!!<br />बहुत उम्दा।।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-20778073440936193212017-12-30T22:38:04.607+05:302017-12-30T22:38:04.607+05:30बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति श्वेता जी .बेहद खूबसूरत भावाभिव्यक्ति श्वेता जी .Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-91765896188299452952017-12-30T20:02:10.304+05:302017-12-30T20:02:10.304+05:30वाह!! बहुत सुंदर कंपकंपाती नरम रेशमी दुशाला..........वाह!! बहुत सुंदर कंपकंपाती नरम रेशमी दुशाला.......!!!!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-51324821757978154152017-12-30T16:23:15.950+05:302017-12-30T16:23:15.950+05:30वाह ! कमाल का भाव प्रवाह ! प्रकृति में खो जाने व...वाह ! कमाल का भाव प्रवाह ! प्रकृति में खो जाने वाले रचनाकार की अद्वुध प्रस्तुति ! दाद देता हूँ आप की कल्पना शक्ति का ! प्रकृति के साथ इतना अंतरंग साहचर्य ईश्वर प्रदत्त किसी उपहार से कम नहीं ! बहुत सुंदर प्रस्तुति आदरणीया ! बहुत खूब ।Rajesh Kumar Raihttps://www.blogger.com/profile/11470374028071461971noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-79176714327457733222017-12-30T14:18:23.297+05:302017-12-30T14:18:23.297+05:30आपकी लिखी ये रचना "पांच लिंकों का आनन्द में&q...आपकी लिखी ये रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 31 दिसम्बर 2017<br />को साझा की गई है...............http://halchalwith5links.blogspot.com पर आप भी आइएगा ....धन्यवाद!Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-28940598846790158132017-12-30T12:22:35.159+05:302017-12-30T12:22:35.159+05:30फूलों के गालों पर
भींगी रात की भरी पलकें
सोचती है ...फूलों के गालों पर<br />भींगी रात की भरी पलकें<br />सोचती है <br />क्यूँ न बंद कर पायी<br />आँखों के पिटारे में<br />कतरनें चाँदनी की, <br />अधूरी ख़्वाहिशें <br />अक्सर बिखरकर <br />रात के दामन में <br />यही सवाल पूछती हैं।<br />बहुत सुंदर अभिव्यक्ति, स्वेता।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-62110379819060364772017-12-30T11:36:36.489+05:302017-12-30T11:36:36.489+05:30वाह...
फीका चाँद..
लड़ता है...
अस्तित्व के लिए..
सत...वाह...<br />फीका चाँद..<br />लड़ता है...<br />अस्तित्व के लिए..<br />सत्य है...<br />साधुवाद...<br />सादर...Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-42361940643694303042017-12-30T06:55:06.290+05:302017-12-30T06:55:06.290+05:30अत्यंत आभार आपका आदरणीय p.kji.
तहेदिल से शुक्रिया ...अत्यंत आभार आपका आदरणीय p.kji.<br />तहेदिल से शुक्रिया आपका।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-87931433431562994642017-12-30T06:41:35.709+05:302017-12-30T06:41:35.709+05:30पिघलकर ऊंगलियों से टपकती चाँद को छू लेने की ख्वाहि...पिघलकर ऊंगलियों से टपकती चाँद को छू लेने की ख्वाहिश<br />बहुत ही सुंदर रचना आदरणीय श्वेता जी। पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-26214414605675405112017-12-30T06:25:52.035+05:302017-12-30T06:25:52.035+05:30आभार दी आपका बहुत सारा:)
सादर।आभार दी आपका बहुत सारा:)<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-47465029721885871452017-12-30T05:17:54.453+05:302017-12-30T05:17:54.453+05:30शुभ प्रभात सखी
अधूरी ख़्वाहिशें
अक्सर बिखरकर
रात ...शुभ प्रभात सखी<br />अधूरी ख़्वाहिशें <br />अक्सर बिखरकर <br />रात के दामन में <br />यही सवाल पूछती हैं।<br />वाह....<br />बेहतरीन<br />सादरyashoda Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/05666708970692248682noreply@blogger.com