tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post2388565300976413096..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: वक़्त के अजायबघर मेंSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger24125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-83403491981006648182021-06-15T21:34:31.819+05:302021-06-15T21:34:31.819+05:30आशा का संचार करती सार्थक पंक्तियाँ।🙏👌आशा का संचार करती सार्थक पंक्तियाँ।🙏👌Anchal Pandeyhttps://www.blogger.com/profile/13153099337060859598noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-20421077213540922262021-05-01T13:01:38.239+05:302021-05-01T13:01:38.239+05:30Very well said, Realistic thoughts. great..Very well said, Realistic thoughts. great..C Kumarnoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-20251628252064855682021-04-22T12:52:23.518+05:302021-04-22T12:52:23.518+05:30उम्मीदों की शमा यूँ ही जलती रहे। उम्मीदों की शमा यूँ ही जलती रहे। Yashwant R. B. Mathurhttps://www.blogger.com/profile/06997216769306922306noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-24025472094411664152021-04-21T23:37:27.368+05:302021-04-21T23:37:27.368+05:30उदासियों के कबाड़
शोकगीतों के ढेर पर चढ़कर
ऐ ज़िंदगी!...उदासियों के कबाड़<br />शोकगीतों के ढेर पर चढ़कर<br />ऐ ज़िंदगी! तेरी इक आहट <br />उम्मीदों की चिटकनी खोल ही देगी...।<br />क्या बात है प्रिय श्वेता!! <br />उम्मीदों से भरा सुंदर सृजन! आशंकाओं और भयावहता केकाल में ये पंक्तियाँ जीने का उत्साह जगाती हैं! आशा ने संसार को सदैव सकारात्मक रखा है. हार्दिक शुभकामनाएं और बधाई इस भावपूर्ण रचना के लिए! रेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-68421308482517702542021-04-21T07:32:04.346+05:302021-04-21T07:32:04.346+05:30बहुत ही सुन्दरबहुत ही सुन्दरMANOJ KAYALhttps://www.blogger.com/profile/13656162462576727173noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-21593192329383993352021-04-20T17:06:45.375+05:302021-04-20T17:06:45.375+05:30बढ़िया।बढ़िया।देवेन्द्र पाण्डेयhttps://www.blogger.com/profile/07466843806711544757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-2122502356591437252021-04-20T10:52:51.697+05:302021-04-20T10:52:51.697+05:30उम्मीद है तो सब है...शानदार रचना।उम्मीद है तो सब है...शानदार रचना।ओंकारनाथ मिश्र https://www.blogger.com/profile/11671991647226475135noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-58814208279990849142021-04-19T23:31:27.788+05:302021-04-19T23:31:27.788+05:30जिंदगी की आहट ही सब पर भारी पड़ेगी।
बहुत सुंदर रचना...जिंदगी की आहट ही सब पर भारी पड़ेगी।<br />बहुत सुंदर रचना।<br />बधाईPammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-33081391749491608262021-04-19T19:53:59.877+05:302021-04-19T19:53:59.877+05:30प्रतीकों के माध्यम से गहरी बात बता गईं आप।
इसमें छ...प्रतीकों के माध्यम से गहरी बात बता गईं आप।<br />इसमें छायावाद की छाया झलकती है।Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-14393529017096663142021-04-19T19:53:42.736+05:302021-04-19T19:53:42.736+05:30प्रतीकों के माध्यम से गहरी बात बता गईं आप।
इसमें छ...प्रतीकों के माध्यम से गहरी बात बता गईं आप।<br />इसमें छायावाद की छाया झलकती है।Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5276532793712281372021-04-19T19:34:44.036+05:302021-04-19T19:34:44.036+05:30बहुत शुक्रिया श्वेता, नकारात्मकता और घुटन भरे इस म...बहुत शुक्रिया श्वेता, नकारात्मकता और घुटन भरे इस माहौल में सकारात्मक और आशावादी सोच की इन अमृत बूँदों की बड़ी जरूरत है !!!<br />उदासियों के कबाड़<br />शोकगीतों के ढेर पर चढ़कर<br />ऐ ज़िंदगी! तेरी इक आहट <br />उम्मीदों की चिटकनी खोल ही देगी...।<br /> इसे शेयर कर रही हूँ, आपके ब्लॉग की लिंक के साथ।Meena sharmahttps://www.blogger.com/profile/17396639959790801461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-12418509681652134702021-04-19T17:03:25.278+05:302021-04-19T17:03:25.278+05:30ज़िंदगी का हर स्वाद
खारेपन में तबदील होने लगा
मुस्क...ज़िंदगी का हर स्वाद<br />खारेपन में तबदील होने लगा<br />मुस्कान होंठो पर दिखती नहीं,<br /><br />नींद के इंतज़ार में<br />करवट बदलते सपने <br />रात सुकून से कटती नहीं,<br /><br />पर फिर भी कभी किसी दिन<br /> ऐसे वक़्त में...<br />ऐ ज़िंदगी! तेरी इक आहट <br />उम्मीदों की चिटकनी खोल ही देगी...।<br />शायद खोल ही देगी उम्मीदों की चिटकनी...<br />समसामयिक निराशा के साथ दूर कहीं पनपती आशा...<br />लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-82293780188151406902021-04-19T16:47:05.104+05:302021-04-19T16:47:05.104+05:30बहुत सुन्दर रचना।
विचारों का अच्छा सम्प्रेषण किया ...बहुत सुन्दर रचना।<br />विचारों का अच्छा सम्प्रेषण किया है <br />आपने इस रचना में।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-26990332574890342492021-04-19T13:31:35.569+05:302021-04-19T13:31:35.569+05:30चौराहे पर खड़ा वक़्त
राह भटका मुसाफ़िर-सा,
रात ज़िंदगी...चौराहे पर खड़ा वक़्त<br />राह भटका मुसाफ़िर-सा,<br />रात ज़िंदगी की अंधेरों में<br />भोर की किरणें टटोल ही लेगा...,<br /><br />वक़्त के पिंजरे में<br />बेबस छटपटाते हालात, <br />उड़ान की हसरत में<br />फड़फड़ाकर पंख खोल ही लेगें...,<br /><br />बहुत गहरी रचना और गहरे विचार। कविता जहां अपनी बात कहती है वहीं एक सच भी आकर ठहरता है। बहुत बधाई श्वेता जी। <br />PRAKRITI DARSHANhttps://www.blogger.com/profile/10412459838166453272noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5279725252248976302021-04-19T13:22:49.596+05:302021-04-19T13:22:49.596+05:30बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति।बहुत सुंदर और सार्थक अभिव्यक्ति।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-35178170503510162882021-04-19T12:18:33.855+05:302021-04-19T12:18:33.855+05:30उदासियों के कबाड़
शोकगीतों के ढेर पर चढ़कर
ऐ ज़िंद...उदासियों के कबाड़<br />शोकगीतों के ढेर पर चढ़कर<br />ऐ ज़िंदगी! तेरी इक आहट <br />उम्मीदों की चिटकनी खोल ही देगी...।<br />बहुत सुन्दर 👌उषा किरणhttps://www.blogger.com/profile/14723538513393658010noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-11219799722893870432021-04-19T10:32:46.727+05:302021-04-19T10:32:46.727+05:30बहुत ही सुन्दर सकारात्मक सार्थक रचना सखी🙏🏼🌹 साद...बहुत ही सुन्दर सकारात्मक सार्थक रचना सखी🙏🏼🌹 सादरAbhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-40561910032070938212021-04-19T04:40:57.721+05:302021-04-19T04:40:57.721+05:30आशा हो जीवन है,सकारात्मकता को प्रासंगिक बनाती सुन्...आशा हो जीवन है,सकारात्मकता को प्रासंगिक बनाती सुन्दर कविता ।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-31190378876107028542021-04-18T19:34:48.309+05:302021-04-18T19:34:48.309+05:30आप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्र...आप की पोस्ट बहुत अच्छी है <a href="https://www.hindi-kavita.in" rel="nofollow">आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं। </a>Hindi Kavitahttps://www.blogger.com/profile/10873976118898481461noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-11151364235484653862021-04-18T17:57:22.072+05:302021-04-18T17:57:22.072+05:30बहुत ख़ूब श्वेता !
उम्मीद पे दुनिया कायम है ! बहुत ख़ूब श्वेता ! <br />उम्मीद पे दुनिया कायम है ! गोपेश मोहन जैसवालhttps://www.blogger.com/profile/02834185614715316752noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-40361083308362534802021-04-18T15:17:39.987+05:302021-04-18T15:17:39.987+05:30आदरणीया मैम,
बहुत ही सुंदर और मार्मिक रचना आज की प...आदरणीया मैम,<br />बहुत ही सुंदर और मार्मिक रचना आज की परिस्थिति पर जो आज की दुखद परिस्थिति का वर्णन भी करती है और नई आशा भी जगाती है । <br />यह कोरोना अधिक दिनों तक नहीं रहेगा, जल्दी चला जाएगा अगर हम लोग सावधान रहें। इस बार कोरोना की दूसरी लहर लाने में हमारी अनुषाशनहीनता भी कारण है, मुंबई में तो जम कर नियम तोड़े गए हैं । मैं अभी भी कई लोगों को बिना मास्क पहने सुबह की सिर करते देखती हूँ और कभी- कभी मन करता है, उन सब से पूछूँ की अंकल आंटी आपका मास्क कहाँ है। पर हाँ, जो लोग अभी इस महामारी से जूझ रहे हैं, उनकी स्थिति बहुत करुण है,मेरी भी भगवान जी से यही प्रार्थना है की वह इस कोरोना काल को दूर करें और सभी जरूरतमंदों की सहायता करें, जिन लोगों ने अपने प्रियजन खो दिए, उन्हें शोकमुक्त करें। <br />अत्यंत आभार इस बहुत सुंदर भावपूर्ण रचना के लिए व आपको प्रणाम । <br />Ananta Sinhahttps://www.blogger.com/profile/14940662000624872958noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5084474269975039562021-04-18T10:38:20.433+05:302021-04-18T10:38:20.433+05:30आशा का संचार करती बहुत सुंदर रचना, श्वेता दी।आशा का संचार करती बहुत सुंदर रचना, श्वेता दी।Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-64301433546703887042021-04-18T10:07:51.061+05:302021-04-18T10:07:51.061+05:30बहुत अच्छी कविता, बहुत अच्छे भाव, बहुत अच्छी आशाएं...बहुत अच्छी कविता, बहुत अच्छे भाव, बहुत अच्छी आशाएं-कामनाएं।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-83266575823249463502021-04-18T09:42:26.011+05:302021-04-18T09:42:26.011+05:30वक़्त के अजायबघर में .... अनुपम बिम्ब ... अतीत और व...वक़्त के अजायबघर में .... अनुपम बिम्ब ... अतीत और वर्तमान की प्रदर्शनी ... देख रहे हैं , लेकिन समझ नहीं रहे लोग .... सब कुछ निराशाजनक होते हुए भी .... वक़्त चौराहे पर खड़ा जैसे चारों दिशाओं में जैसे कुछ प्रयास कर रहा हो कुछ अच्छा और सुकून देने का ...<br />निराशा से आशा की ओर ले जाती रचना कहीं न कहीं मन को सुकून दे रही है ... <br />बहुत बढ़िया ... संगीता स्वरुप ( गीत )https://www.blogger.com/profile/18232011429396479154noreply@blogger.com