tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post4913304094855417737..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: विधवाSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger27125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36973481349798161162017-12-25T13:31:25.177+05:302017-12-25T13:31:25.177+05:30छलकी है सपनीली अँखियाँ
रोये घर का कोना-कोना
हाथ पक...छलकी है सपनीली अँखियाँ<br />रोये घर का कोना-कोना<br />हाथ पकड़कर लाये थे तुम<br />साथ छूटा हरपल का रोना<br />जनम बंध रह गया अधूरा<br />रब ही जाने रब का टोना<br /> अत्यंत भावपूर्ण, मर्मस्पर्शी.JP Hanshttps://www.blogger.com/profile/15698562123028586413noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-77422612946255398412017-12-22T14:03:41.191+05:302017-12-22T14:03:41.191+05:30भावपूर्ण rachnaभावपूर्ण rachnaRitu asooja rishikesh https://www.blogger.com/profile/07490709994284837334noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-704627955735326552017-12-20T13:06:16.194+05:302017-12-20T13:06:16.194+05:30जनम बंध रह गया अधूरा
रब ही जाने रब का टोना।।
बहुत...जनम बंध रह गया अधूरा<br />रब ही जाने रब का टोना।।<br /><br />बहुत मार्मिक और सवेंदनशील। संजय भास्कर https://www.blogger.com/profile/08195795661130888170noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5157190763282382152017-12-19T13:06:38.556+05:302017-12-19T13:06:38.556+05:30मर्मस्पर्शीमर्मस्पर्शीHimkar Shyamhttps://www.blogger.com/profile/18243305513572430435noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-54703859964744022282017-12-18T10:58:44.062+05:302017-12-18T10:58:44.062+05:30समय की क्रूर मार को ... एक अवस्था जो समय के हाटों ...समय की क्रूर मार को ... एक अवस्था जो समय के हाटों कब आ जाये ...आपने बहुत मार्मिकता से लिखा है ... <br />बहुत ही संवेदनशील रचना है ... सजीव चित्रण किया है आपने ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-2672502419352603652017-12-18T01:05:11.255+05:302017-12-18T01:05:11.255+05:30आपने हृदय को पूरा ही कुरेद दिया। मानो आँखों में आस...आपने हृदय को पूरा ही कुरेद दिया। मानो आँखों में आसूँ अब थमना नही चाहते हो। आचानक ही इससे कुछ जुड़ा घटना सामने चलने लगा...। एक डर का भी अहसास हुआ...बेटा हूँ जो।<br />श्वेता जी, आपने अपनी लेखनी की शक्ति से इस रचना को पूरी तरह से सजीव कर दिया है।Prakash Sahhttps://www.blogger.com/profile/04882608306436611902noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-11101716238294304432017-12-17T19:47:52.102+05:302017-12-17T19:47:52.102+05:30कितना दर्द लिख दिया आपने... वैधव्य की मारी एक नारी...कितना दर्द लिख दिया आपने... वैधव्य की मारी एक नारी ही जानती है.पति के मर जाने का दर्द उसके जाने के बाद उसके हर तरफ होने का अहसास.खालीपन..खाली कलाईयों की टीस...सुनी मांग का सुनापन..हर पीड़ा का सजीव चित्रण,आंखें भर आईं जीवन की इस कड़वी सच्चाई को देखकर... आपने बहुत ही संवेदनशील विषय चुना...जिससे हर औरत का सच जुड़ा है।<br />बहुत नमन है आपको इस रचना हेतु ।Anita Laguri "Anu"https://www.blogger.com/profile/10443289286854259391noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-63560743468993017232017-12-17T16:07:05.031+05:302017-12-17T16:07:05.031+05:30बहुत ही हृदयस्पर्शी,मर्मस्पर्शी रचना....
विधवा की ...बहुत ही हृदयस्पर्शी,मर्मस्पर्शी रचना....<br />विधवा की मनोस्थिति का अद्भुत चित्रण<br />वाह!!!Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36194132860159821722017-12-17T13:55:13.952+05:302017-12-17T13:55:13.952+05:30जिंदगी के अनजान और लंबे सफर में कभी अकेले ही चलना ...जिंदगी के अनजान और लंबे सफर में कभी अकेले ही चलना होता है। वक्त की निष्ठुरता को अपनाना होता है और जीवन में जीने के लिए नए रास्ते ढूंढेने होते हैं। <br />श्वेता जी आपने इस रचना में मर्मांतक पीड़ा की पराकाष्ठा उत्पन्न कर दी है। वाचक शुरू से लेकर अंत तक रचना में इस पीड़ा से अपने आप को जुड़ा हुआ पाता है। रचना की अंतिम पंक्तियां बेहद मार्मिक हो गई हैं। लिखते रहिए। बधाई एवं शुभकामनाएं।Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-47458766868284489212017-12-17T12:54:38.931+05:302017-12-17T12:54:38.931+05:30विधवा की मनोदशा और उसकी दयनीय स्थिति का बहुत ही बह...विधवा की मनोदशा और उसकी दयनीय स्थिति का बहुत ही बहुत ही मार्मिक वर्णन किया हैं स्वेता जी आपने। बहुत सुंदर। Jyoti Dehliwalhttps://www.blogger.com/profile/07529225013258741331noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-74664805507682505982017-12-17T11:58:03.956+05:302017-12-17T11:58:03.956+05:30छलकी है सपनीली अँखियाँ
रोये घर का कोना-कोना
हाथ पक...छलकी है सपनीली अँखियाँ<br />रोये घर का कोना-कोना<br />हाथ पकड़कर लाये थे तुम<br />साथ छूटा हरपल का रोना<br />जनम बंध रह गया अधूरा<br />रब ही जाने रब का टोना।।<br /><br />बहुत मार्मिक और सवेंदनशील। रब ही जाने रब का टोना। ह्रदय विदीर्ण रचना। एक नये और अछूते विषय को आपकी कलम ने बख़ूबी छुआ है। अमित जैन मौलिकhttps://www.blogger.com/profile/07987558363508620146noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-23239032362535214312017-12-17T10:53:14.038+05:302017-12-17T10:53:14.038+05:30बहुत मार्मिक रचना बहुत मार्मिक रचना अपना आकाशhttps://www.blogger.com/profile/17902822710152733381noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-9295778014211445462017-12-16T22:34:09.054+05:302017-12-16T22:34:09.054+05:30मार्मिक हृदयस्पर्शी व्यथा मार्मिक हृदयस्पर्शी व्यथा pushpendra dwivedihttps://www.blogger.com/profile/04998674402519036551noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-59604552969709877492017-12-16T21:49:04.873+05:302017-12-16T21:49:04.873+05:30such a nice line Best hindi Book Publisher Indiasuch a nice line <a href="http://www.bookbazooka.com/" rel="nofollow">Best hindi Book Publisher India</a>Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/03873083404244616957noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-81951344477858119372017-12-16T21:12:58.339+05:302017-12-16T21:12:58.339+05:30प्रिय श्वेता जी -- समाज में पति के साथ एक लड़की के ...प्रिय श्वेता जी -- समाज में पति के साथ एक लड़की के अनगिन सपनों की भी मौत हो जाती है | भारतीय समाज में तो पति के साथ ही सुहागन का जीवन रगों और श्रृंगार से भरा माना जाता है | आपकी रचना में पति के ना रहने पर मन की पीड़ा को बड़े ही प्रभावी और मर्मस्पर्शी शब्दों में पिरोया गया है | ये शब्दों में पिरोया एक विधवा का क्रंदन है जिसे पढ़कर जीवन से मायूस नारी का दिल दहला देने वाला चित्र उभरता है | एक नारी के जीवन में जीवन साथी से बढ़कर क्या ? उसके बिना उसका जीवन परकटे पंछी जैसा हो जाता होगा | थोड़े शब्दों में कहूँ तो आपकी लेखनी ने वैधव्य के इस करुणतम काव्य चित्र को उकेर एक और नायाब सृजन को जन्म दिया है | मन को विदीर्ण और निशब्द करती ये रचना अपने आप में अनूठी और हर सराहना से परे है | सस्नेह --<br /><br />ReplyDeleteरेणुhttps://www.blogger.com/profile/16292928872766304124noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-52146166752394746132017-12-16T17:20:43.970+05:302017-12-16T17:20:43.970+05:30अश्को की नमी लिये रचना ...वाह वाह रचना
पढ़े रुलाई ...अश्को की नमी लिये रचना ...वाह वाह रचना <br />पढ़े रुलाई फूट पड़े शब्दो का ऐसा है विवरण .drindira .blogspot .comhttps://www.blogger.com/profile/01392643845160988757noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-70315114716720411602017-12-16T16:51:56.521+05:302017-12-16T16:51:56.521+05:30send emial id plzzsend emial id plzzAsif Shaikhhttps://www.blogger.com/profile/14884227491913582788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-15008129082474171912017-12-16T16:51:23.666+05:302017-12-16T16:51:23.666+05:30me bhi bloger start kiya hai lekin trafic ke liye ...me bhi bloger start kiya hai lekin trafic ke liye kya karna hogaAsif Shaikhhttps://www.blogger.com/profile/14884227491913582788noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-48109834391209542342017-12-16T15:56:14.173+05:302017-12-16T15:56:14.173+05:30बहुत भावुक रचना श्वेता जी ।बहुत भावुक रचना श्वेता जी ।शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-42970949455386671152017-12-16T15:36:24.043+05:302017-12-16T15:36:24.043+05:30बहुत ही भावुक रचना
बेहतरीनबहुत ही भावुक रचना<br />बेहतरीनLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-74521159226498294592017-12-16T15:32:28.111+05:302017-12-16T15:32:28.111+05:30दर्द भरी दास्तान कहती भावुक रचना.दर्द भरी दास्तान कहती भावुक रचना.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-1226694354259649322017-12-16T15:09:30.652+05:302017-12-16T15:09:30.652+05:30एक विधवा की मनोस्थिति ..
बहुत मार्मिक रचना सुंंदर
...एक विधवा की मनोस्थिति ..<br />बहुत मार्मिक रचना सुंंदर<br />बधाईPammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36594973617878605372017-12-16T14:24:32.718+05:302017-12-16T14:24:32.718+05:30निशब्द, निस्तब्ध!!!
"पुँछ गया सिन्दूर तार तार...निशब्द, निस्तब्ध!!!<br />"पुँछ गया सिन्दूर तार तार हुई चूनरी" ... नीरज जी की अप्रतिम काव्य की अप्रतिम पंक्ति याद दिला गई आपकी मर्मांतक रचना।<br /><br />अब जीवन हुवा रंग हीन रस हीन<br />क्या करूँ श्रृंगार<br />श्वासों का अब क्या करूं<br />हृदय है स्पंदन हीन। <br /><br />वैधव्य पर एक चित्र लिखित सा काव्य अंदर तक दहला गया किसी का जीवन साथी जब चला जाता है तो ऐसा होता है जैसे प्राण विहीन शरीर संसार भ्रमण मे रह गया।<br />अप्रतिम अविस्मरणीय।<br />ढेर सा स्नेह। मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-62864646458685138882017-12-16T13:33:12.210+05:302017-12-16T13:33:12.210+05:30Painful.Painful.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/16588168255896988087noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-75244088165544523882017-12-16T13:27:09.702+05:302017-12-16T13:27:09.702+05:30अद्भुत!!! बस! और कुछ नहीं!!अद्भुत!!! बस! और कुछ नहीं!!विश्वमोहनhttps://www.blogger.com/profile/14664590781372628913noreply@blogger.com