tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post7703661642575440786..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: 'अजूबा' किसानSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger18125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36436312234248392122020-12-24T19:55:51.789+05:302020-12-24T19:55:51.789+05:30very Beautiful.very Beautiful.Chandrahttps://www.blogger.com/profile/15587198953369433754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-3514273222775602212020-12-24T19:55:30.022+05:302020-12-24T19:55:30.022+05:30
ry nicely written. it seems 2020 is loosing ever... <br />ry nicely written. it seems 2020 is loosing everything for us. hope the 2021 will come with lots of happiness,, pleasure, success and winnings.<br />Chandrahttps://www.blogger.com/profile/15587198953369433754noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-994464483167713692020-12-22T16:53:24.711+05:302020-12-22T16:53:24.711+05:30हमारे देश में हर कोई अजूबा लगता है कोई पिज्जा खाता...हमारे देश में हर कोई अजूबा लगता है कोई पिज्जा खाता हुआ कोई मक्की खाता हुआ ...<br />पर आयोजन प्रायोजन किसका भला करते हैं ये कोई आज तक नहीं जान पाया ... दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-70618967722793170432020-12-21T18:12:23.635+05:302020-12-21T18:12:23.635+05:30सुन्दर विचारमाला, बिल्कुल यथार्थ चित्रण, साधुवादसुन्दर विचारमाला, बिल्कुल यथार्थ चित्रण, साधुवादविमल कुमार शुक्ल 'विमल'https://www.blogger.com/profile/16752757584209629034noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-56071227638924220872020-12-18T21:48:59.199+05:302020-12-18T21:48:59.199+05:30गज़ब लिख दिया आपने. सचमुच, किसान को फटेहाल और याचक ...गज़ब लिख दिया आपने. सचमुच, किसान को फटेहाल और याचक की तरह देखना कब छोड़ेंगे लोग. सबके अपने अपने पक्ष; परन्तु आम आदमी के लिए निष्पक्ष होकर सोचना जिस सरकार का काम, वही सबसे बड़ा पक्षपात करती है. विचारपूर्ण और सटीक लेखन के लिए बहुत बधाई.डॉ. जेन्नी शबनमhttps://www.blogger.com/profile/11843520274673861886noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-49197911468424153002020-12-18T19:39:26.519+05:302020-12-18T19:39:26.519+05:30सालों से एक अलग सी छवि का अंतर्जाल टूटा है पर कोई ...सालों से एक अलग सी छवि का अंतर्जाल टूटा है पर कोई उसे स्वीकारना नहीं चाहता ।<br />बहुत शानदार वैचारिक सृजन हर प्रश्न अपने आप में चुभती सलाख सा ।<br />यथार्थ सटीक।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-25682141896165686682020-12-18T00:05:48.732+05:302020-12-18T00:05:48.732+05:30बरसों से प्रदर्शनी में लगी
अपनी नैराश्य की तस्वीरे...बरसों से प्रदर्शनी में लगी<br />अपनी नैराश्य की तस्वीरें<br />चौराहों से उतारकर<br />अपनी दयनीय छवियों को<br />स्वयं तोड़ता,<br />अपने सपनों को ज़िदा रखने के लिए<br />अपनी बात ख़ुद फरियाने<br />एकजुट हुआ किसान<br />'अजूबा'<br />क्यों नज़र आता है ??<br />सड़कों पर आन्दोलन कर रहे किसानों की आधुनिकता देख सच में मन भ्रमित तो है...अभी भी कुछ किसान वही पुरानी छवि में तटस्थ बैठे हैं।<br />समसामयिक लाजवाब सृजन।Sudha Devranihttps://www.blogger.com/profile/07559229080614287502noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-25739880083615382572020-12-17T21:28:28.731+05:302020-12-17T21:28:28.731+05:30प्रभावशाली लेखन। प्रभावशाली लेखन। Shantanu Sanyal शांतनु सान्यालhttps://www.blogger.com/profile/06457373513221191796noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-69942709457144192372020-12-17T15:51:56.379+05:302020-12-17T15:51:56.379+05:30सरगगर्भित एवं समसामयिक कृति..हर पहलू पर छाप छोड़ती...सरगगर्भित एवं समसामयिक कृति..हर पहलू पर छाप छोड़ती हुई..।जिज्ञासा सिंह https://www.blogger.com/profile/06905951423948544597noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-43419198284222694482020-12-17T14:49:07.586+05:302020-12-17T14:49:07.586+05:30Bhut badhiyaBhut badhiyaNitish Tiwaryhttps://www.blogger.com/profile/06484230743667707116noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-63692719052177193802020-12-17T11:14:08.813+05:302020-12-17T11:14:08.813+05:30बरसों से प्रदर्शनी में लगी
अपनी नैराश्य की तस्वीरे...बरसों से प्रदर्शनी में लगी<br />अपनी नैराश्य की तस्वीरें<br />चौराहों से उतारकर<br />अपनी दयनीय छवियों को<br />स्वयं तोड़ता,<br />अपने सपनों को ज़िदा रखने के लिए<br />अपनी बात ख़ुद फरियाने <br />एकजुट हुआ किसान<br /> 'अजूबा'<br /> क्यों नज़र आता है??<br />बहुत सुंदर और सार्थक रचना।Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-80270803717763606322020-12-17T11:05:54.455+05:302020-12-17T11:05:54.455+05:30अत्याधुनिकता की हमारी जो अंधी दौड़ है उसकी चकाचौंध...अत्याधुनिकता की हमारी जो अंधी दौड़ है उसकी चकाचौंध में नजरिया ही अजीब हो गया है । अजीब को तो अजूबा ही नजर आएगा न ।Amrita Tanmayhttps://www.blogger.com/profile/06785912345168519887noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-69014005773363162892020-12-17T09:04:40.105+05:302020-12-17T09:04:40.105+05:30आपकी बात बिल्कुल ठीक है ।आपकी बात बिल्कुल ठीक है ।जितेन्द्र माथुरhttps://www.blogger.com/profile/15539997661147926371noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-14569371047394623532020-12-16T19:48:17.633+05:302020-12-16T19:48:17.633+05:30आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द&q...आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" (1980...सुरमई-सी तैरती मिहिकाएँ...) पर गुरुवार 17 दिसंबर 2020 को साझा की गयी है.... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! <br /><br /> Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-55522308697541432282020-12-16T15:06:01.581+05:302020-12-16T15:06:01.581+05:30सामयिक और सार्थक रचना।सामयिक और सार्थक रचना।डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'https://www.blogger.com/profile/09313147050002054907noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-79580406070472388162020-12-16T13:48:22.235+05:302020-12-16T13:48:22.235+05:30बेहद सोचनीय स्थिति आज भी किसानों की, भले ही आज कित...बेहद सोचनीय स्थिति आज भी किसानों की, भले ही आज कितनी भी तरक्की दिखे उनकी <br />बहुत अच्छी विचारणीय सामयिक रचना <br />कविता रावत https://www.blogger.com/profile/17910538120058683581noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-36731593917402288752020-12-16T12:45:46.677+05:302020-12-16T12:45:46.677+05:30आपका आशीष मिला,
बहुत-बहुत आभारी हूँ सर।
सादर प्रणा...आपका आशीष मिला,<br />बहुत-बहुत आभारी हूँ सर।<br />सादर प्रणाम।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-6229119224521291332020-12-16T12:20:48.407+05:302020-12-16T12:20:48.407+05:30किसानों की स्थिति औऱ उनकी कर्म साधना का बेहद प्रभा...किसानों की स्थिति औऱ उनकी कर्म साधना का बेहद प्रभावपूर्ण चित्रण,<br />किसानों के प्रति वर्तमाम में हो रहे अनगढ़ प्रलापों ओर किसानो की जमीन हड़पने की साजिश को खुलासा करती यह रचना,कुंद हो रहे मष्तिष्क को सचेत करेगी<br />बेहत भावपूर्ण औऱ कमाल की रचना<br />बधाईJyoti kharehttps://www.blogger.com/profile/02842512464516567466noreply@blogger.com