tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post90673102403283063..comments2024-03-23T15:18:44.393+05:30Comments on मन के पाखी: गीत सुनोSweta sinhahttp://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comBlogger21125tag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-22455543598053552982018-07-14T13:14:18.651+05:302018-07-14T13:14:18.651+05:30न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो
प्रेमिल रून-झुन इक गीत...न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो<br />प्रेमिल रून-झुन इक गीत सुनो....<br />धनात्मक ऊर्जा देती सौन्दर कविता👌👌👌👌पुरुषोत्तम कुमार सिन्हाhttps://www.blogger.com/profile/16659873162265123612noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-1063225915991670002018-07-06T14:11:13.356+05:302018-07-06T14:11:13.356+05:30ज्वाला में जल मिट जाओगे
गत मरीचिका आज लुटाओगे
बनकर...ज्वाला में जल मिट जाओगे<br />गत मरीचिका आज लुटाओगे<br />बनकर मधुप चख लो पराग<br />कुछ क्षण का सुरभित रंग-राग<br />अंबर से झरता स्नेहप्रीत सुनो<br />कल-कल प्रकृति का गीत सुनो...श्वेता जी की रचना बहुत ही अद्भुत है...एक नायाब सा आह्वान... Alaknanda Singhhttps://www.blogger.com/profile/15279923300617808324noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-41476061463699011352018-07-01T15:28:12.710+05:302018-07-01T15:28:12.710+05:30बहुत सुंदर माधुर्य राग अनुराग से सजी रचना..
बधाई।बहुत सुंदर माधुर्य राग अनुराग से सजी रचना..<br />बधाई।Pammi singh'tripti'https://www.blogger.com/profile/13403306011065831642noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-77265885920250747382018-06-30T19:20:39.403+05:302018-06-30T19:20:39.403+05:30क्यूँ उर इतना अवसाद भरा?
क्यूँ तम का गहरा गाद भरा?...क्यूँ उर इतना अवसाद भरा?<br />क्यूँ तम का गहरा गाद भरा?<br />लाली उषा की,पवन का शोर<br />छलके स्वप्न दृग अंजन कोर<br />घन घूँघट चाँदनी शीत सुनो<br />टिम-टिम तारों का गीत सुनो... सुंदर रचना Atoot bandhanhttps://www.blogger.com/profile/03159968183922673399noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-69088654616185680752018-06-30T08:50:17.591+05:302018-06-30T08:50:17.591+05:30आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में"...<i><b> आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 01 जुलाई 2018 को साझा की गई है.........<a href="http://halchalwith5links.blogspot.in/" rel="nofollow"> http://halchalwith5links.blogspot.in/ </a>पर आप भी आइएगा....धन्यवाद! </b></i>Digvijay Agrawalhttps://www.blogger.com/profile/10911284389886524103noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-322307870158970792018-06-29T15:02:03.220+05:302018-06-29T15:02:03.220+05:30बेहतरीन सृजन श्वेता जी ।बेहतरीन सृजन श्वेता जी ।Meena Bhardwajhttps://www.blogger.com/profile/02274705071687706797noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-16898377357634557342018-06-28T16:55:50.332+05:302018-06-28T16:55:50.332+05:30इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों?
कड़वी इतनी अभिव्यक...इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों?<br />कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों?<br />मन अवगुंठन,हिय पट खोलो तुम<br />खग,तितली,भँवर संग बोलो तुम<br />न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो<br />प्रेमिल रून-झुन इक गीत सुनो<br />बहुत सुंदर ... सुंदर जीवन को खुले नेत्र से देख सको तो इसके प्रति दृष्टिकोण ही बदल जाएगा दिर अभिव्यक्ति भी कटु नहि होगी ... इसीलिए मन की मधुर वीना को सुना जाए तो जीवन की रुनझुन सुनी जा सकती है ...दिगम्बर नासवाhttps://www.blogger.com/profile/11793607017463281505noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-88269769317812437532018-06-27T21:46:18.334+05:302018-06-27T21:46:18.334+05:30वाह मन को झंकृत करता आशा का एक सुमधुर गीत ।
माना ज...वाह मन को झंकृत करता आशा का एक सुमधुर गीत ।<br />माना जीवन सुमनों की सैज नही <br />पर बियावान कांटों का जंगल भी नही <br /><br />अपने हिस्से की कलियां चुन लो <br />जीवन सिर्फ़ हार नही जीत का सेहरा गूंथ लो।मन की वीणाhttps://www.blogger.com/profile/10373690736069899300noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-62133557188311072312018-06-27T20:49:48.430+05:302018-06-27T20:49:48.430+05:30श्वेता जी ,
आप तो साहित्यिक लेखन करने लगी . वाह !!...श्वेता जी ,<br />आप तो साहित्यिक लेखन करने लगी . वाह !!!<br />आपकी शब्द संपदा को सलाम.<br /><br />बधाईयाँ स्वीकारें.Madabhushi Rangraj Iyengarhttps://www.blogger.com/profile/13810087916830518489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-48711551687896250352018-06-27T19:59:42.703+05:302018-06-27T19:59:42.703+05:30अति सुंदर, मधुर गीत सुनाया आपने । व्यथा में भी प्र...अति सुंदर, मधुर गीत सुनाया आपने । व्यथा में भी प्रकृति का संगीत व्यक्ति को जीवन में निराशा के भंवर से बाहर निकल लाता है। <br />सादरअपर्णा वाजपेयीhttps://www.blogger.com/profile/11873763895716607837noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-28686411811590159962018-06-27T19:34:20.419+05:302018-06-27T19:34:20.419+05:30मन के तार झंकृत हो उठे सखी श्वेता जी । जीवन तो अति...मन के तार झंकृत हो उठे सखी श्वेता जी । जीवन तो अति सुन्दर है, पर कभी-कभी सांसारिक परिस्थितियों को देख मन उद्वेलित हो उठता है। सुंदर अभिव्यक्ति🙏🙏Abhilashahttps://www.blogger.com/profile/06192407072045235698noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-32738480766515544052018-06-27T19:19:10.961+05:302018-06-27T19:19:10.961+05:30आदरणीय रवींद्र जी,
आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया पाकर ...आदरणीय रवींद्र जी,<br />आपकी बहुमूल्य प्रतिक्रिया पाकर रचना अनुगृहित हुई।<br />रचना का भाव समझकर कीमती समय देकर सुंदर प्रतिक्रिया लिखने के लिए हृदय से बहुत आभारी हूँ।<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-73434862925448295722018-06-27T19:16:28.514+05:302018-06-27T19:16:28.514+05:30अति आभार आपका अनुराधा जी।
सादर।अति आभार आपका अनुराधा जी।<br />सादर।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-84566516199901020292018-06-27T19:06:07.622+05:302018-06-27T19:06:07.622+05:30मायूसियों में घिरे और आक्रोश में जीते व्यक्ति को स...मायूसियों में घिरे और आक्रोश में जीते व्यक्ति को सकारात्मकता की राह की ओर खींचती एक प्रेरक रचना. शब्द और भाव पीड़ा से घायल हृदय पर मरहम लगाते प्रतीत होते हैं. सुन्दर सार्थक सरस सृजन. लिखते रहिये. बधाई एवं शुभकामनायें. Ravindra Singh Yadavhttps://www.blogger.com/profile/09309044106243089225noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-19428931423091021762018-06-27T19:05:13.672+05:302018-06-27T19:05:13.672+05:30बहुत सुंदर गीत बहुत सुंदर गीत Anuradha chauhanhttps://www.blogger.com/profile/14209932935438089017noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-37058199535872583482018-06-27T19:03:37.912+05:302018-06-27T19:03:37.912+05:30बहुत सारा शुक्रिया आपका लोकेश जी।
आपके निरंतर सहयो...बहुत सारा शुक्रिया आपका लोकेश जी।<br />आपके निरंतर सहयोग के लिए सदैव आभारी है।<br />Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-26049712392126974272018-06-27T19:00:08.522+05:302018-06-27T19:00:08.522+05:30बहुत सुंदर गीत
इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों?
कड़व...बहुत सुंदर गीत<br />इस सुंदर जीवन से विरक्ति क्यों?<br />कड़वी इतनी अभिव्यक्ति क्यों?<br />मन अवगुंठन,हिय पट खोलो तुम<br />खग,भँवर,तितली संग बोलो तुम<br />न मुरझाओ, मनवीणा मनमीत सुनो<br />प्रेमिल रून-झुन इक गीत सुनोLokesh Nashinehttps://www.blogger.com/profile/10305100051852831580noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-73246896961764691462018-06-27T18:58:31.309+05:302018-06-27T18:58:31.309+05:30अति आभार दी:)
आपका स्नेहाशीष मिलता रहे तो ऐसा गीत ...अति आभार दी:)<br />आपका स्नेहाशीष मिलता रहे तो ऐसा गीत और भी रचेगें।<br />हृदय से बहुत आभार दी।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-81540250174305599742018-06-27T18:56:19.788+05:302018-06-27T18:56:19.788+05:30वाह!!श्वेता ,बहुत मधुर गीत सुनाया आपनें । लाजवाब र...वाह!!श्वेता ,बहुत मधुर गीत सुनाया आपनें । लाजवाब रचना!शुभा https://www.blogger.com/profile/09383843607690342317noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-5945659896601730822018-06-27T18:55:00.170+05:302018-06-27T18:55:00.170+05:30जी अति आभार आपका आदरणीय।जी अति आभार आपका आदरणीय।Sweta sinhahttps://www.blogger.com/profile/09732048097450477108noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-1000465220613990960.post-26212678870047338192018-06-27T18:45:23.415+05:302018-06-27T18:45:23.415+05:30आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28.06.18 को चर्चा मंच पर...आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28.06.18 को चर्चा मंच पर <a href="https://charchamanch.blogspot.com/2018/06/3015.html" rel="nofollow"> चर्चा - 3015 </a> में दिया जाएगा <br /><br />धन्यवाद दिलबागसिंह विर्कhttps://www.blogger.com/profile/11756513024249884803noreply@blogger.com