मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Saturday, 12 December 2020
पहले जैसा
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कोहरे की रजाई में लिपटा दिसंबर, जमते पहाड़ों पर सर्दियाँ तो हैं पर, पहले जैसी नहीं...। कोयल की पुकार पर उतरता है बसंत आम की फुनगी से मनचले भ...
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Wednesday, 9 December 2020
लय मन के स्फुरण की
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पकड़ती हूँ कसकर उम्र की उंगलियों में और फेंक देती हूँ गहरे समंदर में ज़िंदगी के जाल एक खाली इच्छाओं से बुनी.. तलाश में कुछ खुशियों की। भा...
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Sunday, 6 December 2020
किसान
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चित्र: मनस्वी प्रांजल धान ,गेहूँ,दलहन,तिलहन कपास के फसलों के लिए बीज की गुणवत्ता उचित तापमान,पानी की माप मिट्टी के प्रकार,खाद की मात्रा निरा...
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Monday, 30 November 2020
चाँद
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ठिठुरती रात, झरती ओस की चुनरी लपेटे खटखटा रही है बंद द्वार का साँकल। साँझ से ही छत की अलगनी से टँगा झाँक रहा है शीशे के झरोखे से उदास चाँद त...
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Saturday, 28 November 2020
सीख क्यों न पाया?
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सृष्टि के प्रारंभ से ही ब्रह्मांड के कणों में घुली हुई नश्वर-अनश्वर कणों की संरचना के अनसुलझे गूढ़ रहस्यों की पहेलियों की अनदेखी कर ज्ञा...
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Thursday, 26 November 2020
डर
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मुझे डर नहीं लगता त्रासदी के घावों से कराहती,ढुलमुलाती चुपचाप निगलती समय की खौफ़नाक भूख से। मुझे डर नहीं लगता कफ़न लेकर चल रही हवाओं के दस्तक ...
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Thursday, 5 November 2020
धर्म
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(१) कर्तव्य, सद् आचरण,अहिंसा मानवता,दया,क्षमा सत्य, न्याय जैसे ' धारण करने योग्य' 'धर्म' का शाब्दिक अर्थ हिंदू या मुसलमान क...
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Saturday, 31 October 2020
सोचती हूँ...
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२७ जून २०१८ को आकाशवाणी जमशेदपुर के कार्यक्रम सुवर्ण रेखा में पहली बार एकल काव्य पाठ प्रसारित की गयी थी। जिसकी रिकार्डिंग २२ जून २०१८ क...
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