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Saturday, 18 February 2017

ऐ दिल,चल तू संग मेरे


ऐ दिल,तू चल संग मेरे
मेरे ख्यालों के हसीन
दुनिया में...
जहाँ हूँ मैं और तुम हो
उस हसीन दुनिया मे

जाड़ों की नरम धूप सी
ओढ़कर तेरी यादों को
अलसाये तन बदन और
करवटों में शाम हो जाये

ऐ दिल,तू चल....

बर्फ की पहाडों पर खड़े
नाम तेरा जोर पुकारे हम
खामोशियों में गूँजें एहसास
लौटकर मुझसे लिपट जाये

ऐ दिल , तू चल....

चाँदनी की ओढ़नी मुखड़े पे डाले
जुगनुओं के पायल पहने नाचे
संदली महक तेरी याद की
सारी रात बरसे हम भींग जाये

ऐ दिल, तू चल संग मेरे
मेरे ख्यालों के हसीन
दुनिया मे....
जहाँ मैं हूं और तुम हो
उस हसीन दुनिया में

#श्वेता🍁


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9 comments:

  1. आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार 18 फरवरी 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. बहुत बहुत आभारी है सर आपके।

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  3. वाह!!!!
    चाँदनी की ओढनी ...जुगनू की पायल...यादों की संदली महक...
    वाहवाह...बहुत लाजवाब..

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  4. बहुत प्यारी रचना है श्वेता बहन -- अनुराग भरी --- सस्नेह

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  5. बहुत ही प्यारी और हृदय को स्पर्श कर जाने वाली रचना श्वेता मैम,

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  6. चाँदनी की ओढ़नी मुखड़े पे डाले
    जुगनुओं के पायल पहने नाचे
    संदली महक तेरी याद की
    सारी रात बरसे हम भींग जाये----अच्छी और गहरी रचना...।

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  7. खयालों की दुनिया वाकई बेहद हसीन होती है । सुंदर अभिव्यक्ति ।

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  8. बहुत बढियां, सुंदर अभिव्यक्ति

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।