Pages

Wednesday, 30 August 2017

उनकी याद

*चित्र साभार गूगल*
तन्हाई में छा रही है उनकी याद
देर तक तड़पा रही है उनकी याद

काश कि उनको एहसास होता
कितना सता रही है उनकी याद

एक कतरा धूप की आस में बैठी
मौन कपकपा रही है उनकी याद

रख लूँ लाख मशरूफ खुद को
जे़हन में छा रही है उनकी याद

साथ घूमने ख्वाब की गलियों में
बार बार ले जा रही है उनकी याद

रूला कर ज़ार ज़ार सौ बार देखो
बेशरम मुस्कुरा रही है उसकी याद

बना लूँ दिल भी पत्थर का मगर
मोम सा पिघला रही है उनकी याद

   #श्वेता🍁

14 comments:

  1. बहुत बहुत खूबसूरत ग़ज़ल

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार,शुक्रिया आपका लोकेश जी।

      Delete
  2. वाह !!!
    बहुत ही सुन्दर.... लाजवाब...

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका सुधा जी।

      Delete
  3. बेहद खूबसूरत .........,

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका मीना जी।

      Delete
  4. तन्हाई में छा रही है उनकी याद
    देर तक तड़पा रही है उनकी याद


    Very beautiful poem

    ReplyDelete
    Replies
    1. अत्यंत आभार तहेदिल से आपका रिंकी जी
      मेरे ब्लॉग पर आपका हार्दिक अभिनंदन है।

      Delete
  5. हमेशा की तरह बहुत सुंदर रचना ---------

    ReplyDelete
    Replies
    1. अति आभार आपका रेणु जी।

      Delete
  6. वाह ! वाह ! क्या बात है ! बेहतरीन प्रस्तुति ! हर शेर लाजवाब ! बहुत खूब आदरणीया ।

    ReplyDelete
    Replies
    1. अति आभार सर,आपका आशीष मिला।तहेदिल से शुक्रिया आपका।

      Delete
  7. बहुत ख़ूबसूरत जज्बातों से सजी पोस्ट.....शानदार|

    ap

    ReplyDelete
    Replies
    1. बहुत बहुत आभार आपका संजय जी।

      Delete

आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।