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Sunday, 13 August 2017

कान्हा जन्मोत्सव



 कान्हा जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ
भरी भरी टोकरी गुलाब की
कान्हा पे बरसाओ जी
बेला चंपा के इत्र ले आओ
इनको स्नान कराओ जी
मोर मुकुट कमर करधनी
पैजनिया पहनाओ जी
माखनमिसरी भोग लला को
जी भर कर के लगाओ जी
कोई बन जाए राधा रानी
बन गोपी रास रचाओ जी
ढोल मंजीरे करतल पे ठुमको 
मीरा बन कोई गीत सुनाओ जी
सखा बनो कोई बलदाऊ बन 
मुरलीधर को मुरली सुनाओ जी
नंद यशोदा बन झूमो नाचो
हौले से पलना डुलाओ जी 
मंगल गाओ खुशी मनाओ
मंदिर दीपों से सजाओ जी
खील बताशे मेवा मिठाई 
खुलकर आज लुटाओ जी 
जन्मदिवस मेरे कान्हा का है
झूम कर उत्सव मनाओ जी
कृष्णा कृष्णा हरे हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा ही गुण गाओ जी

10 comments:

  1. बहुत सुंदर
    राधे राधे

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।
      राधे राधे जी

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  2. बहुत सुन्दर ...
    जय श्री कृष्ण.....

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका सुधा जी।
      जय श्रीकृष्ण जी।

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  3. कान्हा के मधुर प्रेम में रची बसी ... चहुँ और मंगल कामनाओं के गीत बज उठे हों जैसे ... कृष्ण से कृष्ण मय हो जाने का भाव लिए सुन्दर रचना ...

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका नासवा जी,तहे दिल से। राधे राधे जी।

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  4. कृष्णभक्ति‎ से ओतप्रोत सुन्दर रचना‎ .जय श्री कृष्ण .

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका मीना जी
      जय श्री कृष्ण।

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  5. सुन्दर शब्दों का कमाल जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।

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    1. बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका संजय जी, तहेदिल से।
      आपको भी जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ जी।

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।