कान्हा जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ
भरी भरी टोकरी गुलाब की
कान्हा पे बरसाओ जी
बेला चंपा के इत्र ले आओ
इनको स्नान कराओ जी
मोर मुकुट कमर करधनी
पैजनिया पहनाओ जी
माखनमिसरी भोग लला को
जी भर कर के लगाओ जी
कोई बन जाए राधा रानी
कान्हा पे बरसाओ जी
बेला चंपा के इत्र ले आओ
इनको स्नान कराओ जी
मोर मुकुट कमर करधनी
पैजनिया पहनाओ जी
माखनमिसरी भोग लला को
जी भर कर के लगाओ जी
कोई बन जाए राधा रानी
बन गोपी रास रचाओ जी
ढोल मंजीरे करतल पे ठुमको
मीरा बन कोई गीत सुनाओ जी
सखा बनो कोई बलदाऊ बन
सखा बनो कोई बलदाऊ बन
मुरलीधर को मुरली सुनाओ जी
नंद यशोदा बन झूमो नाचो
नंद यशोदा बन झूमो नाचो
हौले से पलना डुलाओ जी
मंगल गाओ खुशी मनाओ
मंदिर दीपों से सजाओ जी
मंदिर दीपों से सजाओ जी
खील बताशे मेवा मिठाई
खुलकर आज लुटाओ जी
जन्मदिवस मेरे कान्हा का है
झूम कर उत्सव मनाओ जी
कृष्णा कृष्णा हरे हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा ही गुण गाओ जी
झूम कर उत्सव मनाओ जी
कृष्णा कृष्णा हरे हरे कृष्णा
कृष्णा कृष्णा ही गुण गाओ जी
बहुत सुंदर
ReplyDeleteराधे राधे
बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका लोकेश जी।
Deleteराधे राधे जी
बहुत सुन्दर ...
ReplyDeleteजय श्री कृष्ण.....
बहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका सुधा जी।
Deleteजय श्रीकृष्ण जी।
कान्हा के मधुर प्रेम में रची बसी ... चहुँ और मंगल कामनाओं के गीत बज उठे हों जैसे ... कृष्ण से कृष्ण मय हो जाने का भाव लिए सुन्दर रचना ...
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका नासवा जी,तहे दिल से। राधे राधे जी।
Deleteकृष्णभक्ति से ओतप्रोत सुन्दर रचना .जय श्री कृष्ण .
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका मीना जी
Deleteजय श्री कृष्ण।
सुन्दर शब्दों का कमाल जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ।
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार शुक्रिया आपका संजय जी, तहेदिल से।
Deleteआपको भी जनमाष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ जी।