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Wednesday, 28 February 2018

होली के रंग

हृदय भरा उल्लास 
हथेलियों में मल रंग लिये,
सुगंधहीन पलाश बिखरी 
तन में मादक गंध लिये।

जला के ईष्या,द्वेष की होलिका
राख मले मतवारे,
रंग-गुलाल भरी पिचकारी
निकले अपने संग लिये।

फगुआ छेड़े पवन बसंती 
नाचे झूमे सखियाँ सारी,
लाल,गुलाबी,हरे,बैंगनी 
मुख इंद्रधनुष सतरंग लिये।

रंगों ने धो दिये कलुषित मन 
न किसी से कोई वैर रहे,
थिरके एक राग में तन-मन 
झूमे प्रेम उमंग लिये।

गुझिया,मालपुआ रसीली 
पकवानों की दावत है,
बाल वृंद भी इत-उत डोले 
किलकारी हुड़दंग लिये।

अवनि से अंबर तक बरसे 
रंग-अबीर,गुलाल पिचकारी
मन मकरंद बौराये रह-रह 
तन सजे रंग गुलकंद लिये

                                                    
    ---श्वेता सिन्हा

19 comments:

  1. बहुत अच्छी रचना
    आपको भी होली के शुभकामनाएं

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  2. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 01.03.2018 को चर्चा मंच पर चर्चा - 2896 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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  3. आपकी लिखी रचना आज के "पांच लिंकों का आनन्द में" शुक्रवार 02 मार्च 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  4. बहुत सुंदर प्रस्तुति,स्वेता। होली की हार्दिक शुभकामनाएं।

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  5. बहुत सुन्दर

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  6. रंगों ने धो दिये कलुषित मन
    न किसी से कोई वैर रहे,
    थिरके एक राग में तन-मन
    झूमे प्रेम उमंग लिये।.......बहुत सुन्दर. होली की शुभकामनायें!!!

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  7. बहुत सुंदर रचना

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  8. बहुत बढिया.. होली मुबारक हो।

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  9. यूं आये आप की हवा मे एक आहट सी आई
    कुछ अबीर कुछ गुलाल ले देखो पूर्वईया आई
    भंग मे वो मदहोशी कहां जो आपके आने से आई
    कहते तो थे सभी होली आई पर सच तो आपके आने से आई।

    होली की रंगा रंग शुभकामनाएं स्नेह आशीष।

    बहुत बहुत सुंदर मनभावन फाग रचना।

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  10. बहुत सुंदर
    होली की हार्दिक बधाई

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  11. बहुत सुंदर होली के रंग श्वेता जी

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  12. बहुत सुंदर रचना श्वेता !!होली की हार्दिक शुभकामनाएं ।

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  13. अवनि से अंबर तक बरसे
    रंग-अबीर,गुलाल पिचकारी
    मन मकरंद बौराये रह-रह
    तन सजे रंग गुलकंद लिये-
    प्रिय श्वेता बहन -- कई दिन के बार आपकी सरस और रंगीली रचना मन को अपार ख़ुशी दे रही है | आपको इस शुभावसर पर मेरी अनंत शुभ कामनाये मिले | सपरिवार खुशियाँ बटोरिये |

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  14. रगों के पर्व पर रंग भरी कविता। कविता के भावों ने मन में पकवानों और अपनेपन की मिठास भर दी।
    बहुत सुंदर रचना
    सादर

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  15. बहुत सुन्दर रचना ..... आपको होली की हार्दिक शुभकामनाएँ

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  16. आपको जन्मदिन-सह-होली की हार्दिक शुभकामनाएं!

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  17. कलुषित मन तो उजले रंगों में रंग दिया है इस होली ने ...
    बहुत ही सुंदर भावपूर्ण रंगीन रचना है ...

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  18. "फगुआ छेड़े पवन बसंती
    नाचे झूमे सखियाँ सारी,
    लाल,गुलाबी,हरे,बैंगनी
    मुख इंद्रधनुष सतरंग लिये।"
    बहुत खूब....., मनभावन सृजन श्वेता जी .

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।