Pages

Friday 9 February 2018

पंखुड़ियाँ


पंखुड़ियाँ
24 कहानी 24 लेखक

आप सभी को यह बताते हुये हर्ष हो रहा है कि डिजिटल कहानी संग्रह "पंखुड़ियाँ" में मेरी भी कहानी का चयन हुआ है।
मेरी लिखी कहानी का नाम है-

"तुम्हारा साथ"

पंखुड़ियाँ की तरफ से आप सभी के लिए इस कहानी संग्रह को पढ़ने के लिए डिस्कॉउंट कूपन उपलब्ध करवाया जा रहा है। निम्नलिखित लिंक के द्वारा आपको इस कहानी संग्रह में 100/-  रुपये की छूट दी जा रही है।

आपका कूपन कोड 


MANKEPAKHI


इस संग्रह की पूरी जानकारी के लिए नीचे लिखे लिंक पर क्लिक करिये-

अगर आप कहानियां पढ़ने के शौकीन है,किताबें पढ़ना पसंद करते है तो आप अवश्य ही पंखुड़ियाँ के 24 रचनाकारों द्वारा लिखी गयी 24 रचनाओं का आनंद लीजिए। एकरसता ली हुई कहानी से अलग साहित्य के इस सागर में विभिन्न प्रदेशों के लेखकों द्वारा परोसे गये विविध स्वाद और रंग लिये इन कहानियों को पढ़कर आप  जरुर  वैचारिक ताज़गी महसूस करेंगें।

इस संग्रह में सभी कहानियाँ अपने आप में बहुत कुछ बयां करती हैं। संग्रह में प्रकाशित कहानियों में 24 लेखकों ने 24 विषयों को लेकर अपना दृष्टिकोण प्रस्‍तुत किया है। निश्चित ही पाठकों को सभी कहानियां बेहद पसंद आएंगी। कहा जाए तो संग्रह की सभी कहानियां पाठकों को रोमांच, रहस्य और कल्पना की नई दुनिया में ले जाएंगी,  क्योंकि इन कहानियों में लेखकों ने अपने अनुभव को पूरी तरह से उड़ेल दिया है। 


#श्वेता सिन्हा


Wednesday 7 February 2018

वो गुम रहे


वो गुम रहे अपने ही ख़्यालों की धूल में
करते रहे तलाश जिन्हें फूल-फूल में

गीली हवा की लम्स ने सिहरा दिया बदन
यादों ने उनकी छू लिया फिर आज भूल में

उसने तो बात की थी यूँ ही खेल-खेल में
पर लुट गया ये दिल मेरा शौक़े-फ़ज़ूल में

होने लगा गलियों का जिक्र आसमां में
फिर उम्रभर अटे रहे लफ़्ज़ों की धूल में

एहसान आपका जो वक़्त आपने दिया
चुभी किर्चियां फूलों की निगाहे-मलूल में

     #श्वेता🍁


निगाहे-मलूल = उदास आँखों में