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Friday, 3 May 2019

तुम


चुप रहूँ तो शायद दिल तेरा ख़ुशलिबास हो 
दुआ हर लम्हा,खुश रहे तू न कभी उदास हो

तुम बिन जू-ए-बेकरार,हर सिम्त तलब तेरी
करार आता नहीं,कैसी अनबुझी मेरी प्यास हो

आजा के ओढ़ लूँ ,तुझको चाँदनी की तरह 
चाहती हूँ रुह मेरी तुमसे,रु-ब-रु बेलिबास हो

होगी तुम्हें शिकायत लाख़ मेरे महबूब सनम
दश्त-ए-ज़िंदगी में,तुम ही तो सब्ज़ घास हो


पिरोया है तुझे मोतियों-सा साँसों के तार में
ख़्वाहिश है वक़्त-ए-आख़िर तुम मेरे पास हो

#श्वेता सिन्हा

ख़ुशलिबास-सुंदर परिधान
जू-ए-बेकरार-बैचेन नदी
सब्ज़ - हरा-भरा
दश्त-ए-ज़िंदगी- ज़िंदगी के रेगिस्तान में

21 comments:

  1. बहुत प्यारी रचना 👍
    वैसे जीस्त-ए-रेगिस्तान मतलब ?(मेरी उर्दू कमजोर है ).

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    1. जी आभार दिल से बहुत शुक्रिया...।
      जीस्त-ए-रेगिस्तान मतलब रेगिस्तान से जीवन में..।

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  2. बहुत सुंदर रूप पिरोया है भावों को।शावाश।

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  3. वाह बहुत खूब लिखा है आपने ।

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  4. वाह क्या खूब लिखा है

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  5. बहुत सुंदर 👌 👌🌹

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  6. आपकी लिखी रचना "पांच लिंकों का आनन्द में" रविवार मई 05 2019 को साझा की गई है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  7. वाह अनुपम भावों का संगम ...

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  8. आजा के ओढ़ लूँ ,तुझको चाँदनी की तरह
    चाहती हूँ रुह मेरी तुमसे,रु-ब-रु बेलिबास हो
    अप्रतिम भाव...बहुत ही लाजवाब...
    वाह!!!

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  9. वाह प्यार में बिछ जाने का उद्धाम भाव समर्पित भावों के लाजवाब अश्आर हर शेर गहराई तक असरकरता सटीक, उम्दा।

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  10. वाह!!श्वेता ,अद्भुत !!

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  11. पिरोया है तुझे मोतियों-सा साँसों के तार में
    ख़्वाहिश है वक़्त-ए-आख़िर तुम मेरे पास हो

    वाह !!! ,बहुत खूब स्वेता जी ,लाजबाब सादर नमस्कार

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  12. बहुत खूबसूरत शेर
    बेहतरीन ग़ज़ल

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  13. खुश रहे तू न कभी उदास हो
    दुआओं और ख्वाहिशों की अनुपम रचना

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  14. बहुत ही सुन्दर रचना

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  15. चुप रहूँ तो शायद दिल तेरा ख़ुशलिबास हो
    दुआ हर लम्हा,खुश रहे तू न कभी उदास हो! बहुत खूब प्रिय श्वेता किसी खास के लिए दुआएं पिरोती रचना बहुत खास है | हार्दिक शुभकामनायें तुम्हारे लिए |

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  16. बहुत सुन्दर

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  17. वाह श्वेताजी ।
    आप तो हमारे पास ही हैं !
    शुक्र है !

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  18. बहुत खूबसूरत भावपूर्ण रचना...

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।