फिर से होंगी सभाएँ
मोमबत्तियाँ
चौराहों पर सजेंगी
चंद आक्रोशित नारों से
अख़बार की
सुर्खियाँ फिर रंगेंगी
हैश टैग में
संग तस्वीरों के
एक औरत की
अस्मत फिर सजेगी
आख़िर हम कब तक गिनेंगे?
और कितनी अर्थियाँ
बेटियों की सजेंगी?
कोर्ट,कानूनों और भाषणों
के मंच पर ही
महिला सशक्तिकरण
भ्रूण हत्या,बेटी बचाओ
की कहानियाँ बनेंगी
पुरुषत्व पर अकड़ने वाले को
नपुंसक करने की सज़ा
कब मिलेगी?
मुज़रिमों को
पनाह देता समाज
लगता नहीं
यह बर्बरता कभी थमेगी
क्यों बचानी है बेटियाँ?
इन दरिन्दों का
शिकार बनने के लिए?
पीड़िता, बेचारी,अभागी
कहलाने के लिए
पीड़िता, बेचारी,अभागी
कहलाने के लिए
बेटियाँ कब तक जन्म लेंगी ?
#श्वेता सिन्हा
और कितनी दरिंदगी बाकी है
इंसानी भेड़ियों क्यों तुम्हारी ज़िंदगी बाकी है...?
वासना के लिजलिजे कीड़ों
वहशियत और कितनी गंदगी बाकी है?