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Thursday, 2 July 2020

नमक का अनुपात


वे पूछते हैं बात-बात पर
क्या आपके खून में
देशभक्ति का नमक है? 
प्रमाण दीजिए, मात्रा बताइये
नमक का अनुपात कितना है?
एकदम ठंडा है जनाब
खौलता क्यों नहीं कहिये न
आपके रक्त का ताप कितना है?

बारूद की गंध सूँघाते हैं
करते तोप और टैंकों की गणना 
सैन्य क्षमता का आकलन 
सनसनी रचते समाचारों की,
जादुई पिटारे से निकालकर
युद्ध का जिन्न दिखा-दिखाकर पूछते हैं
आपमें साहस का नाप कितना है?

विदेशी मसालों के तड़के से
देशी खिचड़ी में स्वाद का प्रयास
तू-तू,मैं-मैं उठा-पटक 
कयास अतिशयोक्ति,विश्लेषण
बेमतलब बहसों का अतिशय शोर 
दलों के समर्थन या विरोध से ही
 बेझिझक झट से बतला देते हैं
आपके देशभक्ति का माप कितना है...!!

देश के जिम्मेदार ख़बरनवीस 
वकील संवेदनशील मुकदमों के
स्वयं ही महामहिम न्यायाधीश 
तत्ववेत्ता, गड़े मुर्दों के विशेषज्ञ
जीवित मुद्दों के असली मर्मज्ञ
सर्वगुणसम्पन्न पूजनीय सर्वज्ञ
प्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
 मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और 
आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
 दाब कितना है?

©श्वेता सिन्हा
२जुलाई २०२०

17 comments:

  1. प्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
    मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
    आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
    आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
    दाब कितना है?
    बहुत ही सटीक प्रश्न किया है आपनेइन गड़े मुर्दों के विशेषज्ञों से.....
    वाह!!!!!
    हमेशा की तरह बहुत ही लाजवाब सृजन।

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  2. मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
    आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
    आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
    दाब कितना है?

    –जबाब मिले तो बतलाना

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  3. सर्वगुणसम्पन्न पूजनीय सर्वज्ञ
    प्रश्नों के लच्छे में उलझाने वालों
    मेरा भी है आपसे एक प्रश्न
    आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
    आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
    दाब कितना है?
    बहुत सटिक सवाल,श्वेता दी।

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  4. अत्यंत सटीक व हास्यास्पद कविता मैम। हमारे देश के इन भृष्ट ठेकेदारों पर एक बहुत ही कठोर वार है। आपकी यह कविता पढ़ कर बहुत प्रेरणा मिली।

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    1. हास्यास्पद ! किस दृष्टि से

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    2. नमक का अनुपात कितना है? बहुत ही सटीक व्यंग और हंसी तो आयी ही। उन धोकेबाज़ गड़े मुर्दों के मर्मग्य और हमारी देश की गैर जिम्मेदार मीडिया जो हर चीज़ को एक सनसनीख़ेज़ समाचार में बदल देती है, उनका मिख सामने आ गया।

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    3. व्यंग्यात्मक! 😀

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  5. बेहद सशक्त और सटीक लेखन के साथ विचारणीय अभिव्यक्ति ...

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  6. सटीक प्रश्न लिए सार्थक प्रस्तुति प्रिय श्वेता। ये समसामयिक चिंतन जरूरी है। ब्लॉग बहुत प्यारा लग रहा है। नया रूप एकदम आकर्षक लग रहा है। 👌👌👌👌सस्नेह शुभकामनायें।

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  7. बहुत ही बढ़िया। आपने भीड़ से हटकर सार्थक विषय पर अपना विचार रखा है। विचारनीय।
    मैँ चाहूँगा यह सभी तक पहुँचे। साझा अवश्य करूँगा।

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  8. आ श्वेता जी, इस कविता में आप नए तेवर में दिख रही हैं। देशभक्ति के नाप पर कोई तो प्रश्न करे। आंजादी के समय आजादी के जुनून पर कोई प्रश्न नहीं होता था।
    आपने हिम्मत दिखाई या पूछने की कि
    "आपकी व्यापारिक कर्त्तव्यनिष्ठता और
    आपकी अंतर्रात्मा में तुलनात्मक
    दाब कितना है?"--ब्रजेन्द्रनाथ

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  9. बहुत ही सटीक प्रश्न किया है आपने.....
    सार्थक प्रस्तुति

    शुभकामनायें।

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  10. वाह!श्वेता ..बहुत सुंदर व सटीक । इस प्रश्न का सही जवाब इनमें से कोई भी क्या दे सकता है ...।

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  11. बहुत सटीक प्रश्न जिनका उत्तर हो कर भी कहीं नही ...,बेहतरीन व लाजवाब सृजन ।

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  12. https://khooshiya.blogspot.com/2020/11/blog-post_12.html

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आपकी लिखी प्रतिक्रियाएँ मेरी लेखनी की ऊर्जा है।
शुक्रिया।