मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 12 June 2018
अच्छा नहीं लगता
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अश्कों का आँख से ढलना हमें अच्छा नहीं लगता तड़पना,तेरा दर्द में जलना हमें अच्छा नहीं लगता भिगाती है लहर आकर, फिर भी सूखा ये मौसम ...
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