मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
Pages
(Move to ...)
Home
प्रकृति की कविताएं
दार्शनिकता
छंदयुक्त कविताएँ
प्रेम कविताएँ
स्त्री विमर्श
सामाजिक कविता
▼
Showing posts with label
आँख में.पानी रखो...लयबद्ध कविता
.
Show all posts
Showing posts with label
आँख में.पानी रखो...लयबद्ध कविता
.
Show all posts
Friday, 10 March 2017
आँख में पानी रखो
›
आँख में थोड़ा पानी होठों पे चिंगारी रखो ज़िदा रहने को ज़िदादिली बहुत सारी रखो राह में मिलेगे रोड़े,पत्थर और काँटें भी बहुत सामना कर हर ब...
1 comment:
›
Home
View web version