मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
Pages
(Move to ...)
Home
प्रकृति की कविताएं
दार्शनिकता
छंदयुक्त कविताएँ
प्रेम कविताएँ
स्त्री विमर्श
सामाजिक कविता
▼
Showing posts with label
उम्मीद का दीया....अतुकांत कविता
.
Show all posts
Showing posts with label
उम्मीद का दीया....अतुकांत कविता
.
Show all posts
Monday, 10 April 2017
उम्मीद का दीया
›
जेहन की पगडंडियों पर चलकर साँझ की थकी किरणों को चुनती बुझते आसमां के फीके रंग समेट दिल के दरवाजे पे दस्तक देती है तन्हाई का हाथ थामें...
7 comments:
›
Home
View web version