मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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उड़ान.....प्रेरक कविता
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Saturday, 7 April 2018
उड़ान भरें
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चलो बाँध स्वप्नों की गठरी रात का हम अवसान करें नन्हें पंख पसार के नभ में फिर से एक नई उड़ान भरेंं बूँद-बूँद को जोड़े बादल धर...
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