मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 14 March 2017
एक ख्वाब
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ओ हसीन तन्हा चाँद ओ झिलमिल सितारों उतर आओ जमीं पर रात के खामोश दामन पर महफिल हम जमायेगे चंदा तुम फूलों को चूमकर अपनी दिल की बात कहन...
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