मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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एहसास जब....मुक्त ग़ज़ल
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एहसास जब....मुक्त ग़ज़ल
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Wednesday, 12 December 2018
एहसास जब.....
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एहसास जब दिल में दर्द बो जाते हैं तड़पता देख के पत्थर भी रो जाते हैं ऐसा अक्सर होता है तन्हाई के मौसम में पलकों से गिर के ख़्वाब ...
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