मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Friday, 23 March 2018
एहसास
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मौन हृदय के स्पंदन के सुगंध में खोये जग के कोलाहल से परे एक अनछुआ एहसास सम्मोहित करता है एक अनजानी कशिश खींचती है अपनी ओर ...
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