मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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क्यों ....छंदबद्ध रचना...दार्शनिक
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Tuesday, 10 September 2019
क्यों....?
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दामन काँटों से भरना क्यों? जीने के ख़ातिर मरना क्यों? रब का डर दिखलाने वालों ख़ुद के साये से डरना क्यों? न दर्द,न टीस,न पीव-...
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