मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
Pages
(Move to ...)
Home
प्रकृति की कविताएं
दार्शनिकता
छंदयुक्त कविताएँ
प्रेम कविताएँ
स्त्री विमर्श
सामाजिक कविता
▼
Showing posts with label
छंदमुक्त मुक्त कविता...सामाजिक
.
Show all posts
Showing posts with label
छंदमुक्त मुक्त कविता...सामाजिक
.
Show all posts
Thursday, 5 November 2020
धर्म
›
(१) कर्तव्य, सद् आचरण,अहिंसा मानवता,दया,क्षमा सत्य, न्याय जैसे ' धारण करने योग्य' 'धर्म' का शाब्दिक अर्थ हिंदू या मुसलमान क...
7 comments:
›
Home
View web version