मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Wednesday, 9 August 2017
"छोटू"
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आज़ादी का जश्न मनाने के पहले एक नज़र देखिये कंधे पर फटकर झूलती मटमैली धूसर कमीज चीकट हो चुके धब्बेदार नीली हाफ पैंट पहने जूठी प्यालि...
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