मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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टूटा ख़्वाब...लयबद्ध कविता
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Wednesday, 15 March 2017
टूटा ख्वाब
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तेरी निगाहों के नूर से दिल मेरा मगरूर था भरम टूटा तो जाना ये दो पल का सुरूर था परिंदा दिल का तेरी ख्वाहिश में मचलता रहा नादां न समझ प...
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