मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तुमसे प्रेम करते हुए..(२)....#प्रेम कविता# छंद मुक्त
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Wednesday, 22 September 2021
तुमसे प्रेम करते हुए-(२)
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(१) -------------------- भोर की पहली किरण फूटने पर छलकी थी तुम्हारी मासूम मुस्कान की शीतल बूँदें जो अटकी हैं अब भी मेरी पलकों के भीतरी तह...
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