मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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तेरी सुगंध...प्रेम कविता
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Saturday, 1 April 2017
तेरी सुगंध
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जबसे आये हो ज़िदगी के चमन में, हृदय तेरी सुगंध से सुवासित है। नहीं मुरझाता कभी भी गुलाब प्रेम का, खिली मुस्कान लब पे आच्छादित है। कोई ...
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