मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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थका हुआ दर्द....लयबद्ध कविता
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थका हुआ दर्द....लयबद्ध कविता
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Saturday, 1 April 2017
थका हुआ दर्द
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दर्द थका रोकर अब बचा कोई एहसास नही पहचाने चेहरे बहुत जिसकी चाहत वो पास नही पलभर के सुकूं को उम्रभर का मुसाफिर बना जिंदगी में कहीं खुश...
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