मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Sunday, 25 November 2018
थोड़ा-सा रुमानी हो लें
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ज़िंदगी की उदासियों में चुटकी भर रंग घोलें अश्क में मुहब्बत मिला कर थोड़ा-सा रुमानी हो लें दर्द को तवज्ज़ो कितना दें दामन र...
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