मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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देशभक्त... आज़ादी(१)....छंदमुक्त कविता
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Tuesday, 13 August 2019
देशभक्त.... आज़ादी(१)
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आज़ाद देश के, जिम्मेदार बुद्धिजीवी बहुत शर्मिंदा हैं, देश की बदहाल हवा में, दिन-ब-दिन विषाक्त होता पानी पीकर भी अफ़सोस ज़िंद...
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