मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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ध्वंसावशेष... छंदमुक्त कविता..सामाजिक।
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Sunday, 17 May 2020
ध्वंसावशेष
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उनके तलुओं में देश के गौरवशाली मानचित्र की गहरी दरारें उभर आयी हैं। छाले,पीव,मवाद, पके घावों,स्वेद-रक्त की धार से गी...
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