मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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न वो नसीब मेरा....तुकांत नज़्म
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न वो नसीब मेरा....तुकांत नज़्म
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Thursday, 13 June 2019
न वो नसीब मेरा
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तन्हाई में जब उनकी याद सुगबुगाती है धड़कनें खास अंदाज़ में सिहर जाती है वो जो कह गये बातें आधी-अधूरी-सी दिल की तह से टकराकर छनछन...
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