मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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नैतिकता... समझदार देह...छंदमुक्त कविता सामाजिक चिंतन
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नैतिकता... समझदार देह...छंदमुक्त कविता सामाजिक चिंतन
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Wednesday, 15 July 2020
नैतिकता
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उज्जवल चरित्र उदाहरणार्थ जिन्हें लगाया गया था सजावटी पुतलों की भाँति पारदर्शी दीवारों के भीतर लोगों के संपर्क से दूर प्रदर...
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