मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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पदचाप.. छंदमुक्त दार्शनिक कविता
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Sunday, 9 February 2020
पदचाप
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चित्र:साभार सुबोध सर की वॉल से ------- सरल अनुभूति के जटिल अर्थ, भाव खदबदाहट, झुलसाते भाप। जग के मायावी वीथियों में गूँजित च...
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