मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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पूनम की रात...लयबद्ध कविता
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Tuesday, 11 April 2017
पूनम की रात
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चाँदनी मृग छौने सी भटक रही उलझी लता वेणु में अटक रही पूनम के रात का उज्जवल रुप दूध में केसरी आभा छिटक रही ओढ़ शशि धवल पुंजों की दुशा...
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