मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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प्रतीक्षा.....प्रेमकविता....छंदमुक्त
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Thursday, 9 May 2019
प्रतीक्षा
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बैशाख की बेचैन दुपहरी दग्ध धरा की अकुलाहट, सुनसान सड़कों पर चिलचिलाती धूप बरगद के पत्तों से छनकती चितकबरी-सी तन को भस्म ...
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