मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Thursday 1 August 2024
प्रेम-पत्र
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सालों बाद मन पर आज फिर बारिशों की टिपटिपाहट दस्तक देने लगी उदासियों के संदूक खोलकर तुम्हारे अनलिखे प्रेम-पत्र पढ़ते हुए भावों के आवरण में ...
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