मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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बदसूरत लड़की......छंदमुक्त कविता
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Thursday, 14 February 2019
बदसूरत लड़की
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वो नहीं सँवरती प्रतिबिंब आईने में बार-बार निहारकर बालों को नहीं छेड़ती लाली पाउडर ड्रेसिंग टेबल के दराजों में सूख जाते है...
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