मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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बापू...गाँधी जी...देशभक्ति ..छंदमुक्त कविता
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Saturday, 30 January 2021
बापू
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व्यक्ति से विचार और विचार से फिर वस्तु बनाकर भावनाओं के थोक बाज़ार में ऊँचे दामों में में बेचते देख रही हूँ। चश्मा,चरखा, लाठी,धोती,टोप...
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