मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Wednesday, 19 January 2022
बेचैनियाँ
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हर अभिव्यक्ति के बाद बची हुई अभिव्यक्ति में भावों की गहराई में छुपी अव्यक्तता की अनुभूति सदैव जताती है अभिव्यक्ति के अधूरेपन के समुच्चय को अ...
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