मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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बौद्धिक आचरण # वैश्विक चिंतन# छंदमुक्त कविता
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Wednesday, 18 August 2021
बौद्धिक आचरण
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बर्बरता के शिकार रक्तरंजित,क्षत-विक्षत देह, गिरते-पडते,भागते-कूदते दहशत के मारे आत्महत्या करने को आमादा लोगों की तस्वीरों के भीतर की सच की...
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