मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मधुमास...छंदमुक्त कविता
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Sunday, 16 February 2020
मधुमास
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बर्फीली ठंड,कुहरे से जर्जर, ओदायी, शीत की निष्ठुरता से उदास, पल-पल सिहरती आखिरी साँस लेती पीली पात मधुमास की प्रतीक्षा मे...
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