मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मन मेरा तुमको चाहता है....प्रेम कविता
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Monday, 29 October 2018
मन मेरा तुमको चाहता है
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गिरह प्रश्न सुलझा जाओ प्रियतम तुम ही समझा जाओ क्यूँ साथ तुम्हारा भाता है? नित अश्रु अर्ध्य सींचित होकर प्रेम पुष्प हरियाता ...
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