मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मन...छंदमुक्त कविता
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Monday, 8 April 2019
मन
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(१) जीवन के बेढब कैनवास पर भावों की कूची से उम्रभर उकेरे गये चेहरों के ढेर में ढूँढ़ती रही एहसास की खुशबू धूप ,हवा ,पानी, ज...
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