मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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Tuesday, 28 April 2020
मन.....तिरस्कार
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मन के एकांत गढ़ने लगते हैं भावनाओं के छोटे-छोटे टापू, निरंतर सोच की लहरों में डूबता-उतराता, अंतर्मन के विकल नाद से ...
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