मन के पाखी
*हिंदी कविता* अंतर्मन के उद्वेलित विचारों का भावांकन। ©श्वेता सिन्हा
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मूरखता का वरदान......व्यंगात्मक कविता
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मूरखता का वरदान......व्यंगात्मक कविता
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Saturday, 31 March 2018
मूरखता का वरदान
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समझदारी का पाठ पढ़ हम अघा गये भगवान थोड़ी सी मूरखता का अब तुमसे माँगे वरदान अदब,कायदे,ढ़ंग,तरतीब सब झगड़े बुद्धिमानों के प्रे...
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